Bikaner। रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedicivir Injection) की कालाबाजारी के मामले में पिछले दिनो शहर के करीब 6 मैडिकल स्टाॅकिस्ट के यहां छापे डाले और जांच के बाद उनके खिलाफ थाने मे तथा एसओजी चौकी मे मुकदमे दर्ज किए थे ।
उसी मामले मे सदर थाना पुलिस ने एक निजी अस्पताल के चिकित्सक को रात को थाने मे पूछताछ के लिए बुलाया था और उसे इंतजार करवाया इसी से तनावग्रस्त होकर चिकित्सक ने हाथ की नहे काट आत्महत्या की कोशिश की । पुलिस ने तत्काल चिकित्सक को उपचार के लिए अस्पताल मे भर्ती कराया । इस घटना को लेकर चिकित्सको मे आक्रोश है।
एक प्राइवेट हॉस्पिटल में काम कर ने वाले इस डॉक्टर का नाम एक स्टॉकिस्ट ने बिल में लिखा हुआ है । ऐसे में पुलिस कन्फर्म करना चाह रही थी कि उन्होंने इंजेक्शन खरीदा या नहीं । रविवार रात निजी अस्पताल के स्टॉफ को पूछताछ के लिए बुलाया गया था ।
डॉक्टर धनपत डागा भी इसी अस्पताल में हॉस्पिटल में काम करते हैं । एक स्टॉकिस्ट ने डॉ . डागा के नाम से बिल काटे हुए हैं । इन्हीं बिलों के बारे में पूछताछ करने के लिए पुलिस ने उन्हें बुलाया था । जब वो अपना बयान देने पहुंचे तो जांच अधिकारी किसी अन्य से पूछताछ कर रहे थे , ऐसे में डॉ . डागा को बाहर इंतजार करने के लिए कहा गया ।
वो अपनी कार में चले गए । कुछ देर बाद उन्होंने तनाव में आकर अपने हाथ की नसें काट ली । पुलिस को पता चलते ही उन्हें तुरंत पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर ले जाया गया । यहां भी डॉक्टर डागा तनाव में ही नजर आये ।
घटना की जानकारी मिलने पर देर रात पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर पर डागा के साथी डॉक्टर्स एकत्र हो गए । डॉक्टर्स एसोसिएशन के कई पदाधिकारी भी वहां पहुंचे । अब डॉ . डागा की स्थिति पहले से बेहतर बताई जा रही है ।
सदर थानाधिकारी सत्यनारायण गोदारा ने बताया कि पूछताछ के लिए अस्पताल के स्टॉफ को बुलाया गया था , अकेले डागा को नहीं बुलाया गया । एसओजी भी कर रही जांच इस मामले में एक एफआईआर सदर थाने में दर्ज है जबकि दूसरी एसओजीकी अजमेर चौकी में दर्ज है । दोनों एजेंसियां अलग अलग जांच कर रही है । सदरपुलिस ने चार जनों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की
विदित है की कालाबाजारी के मामले में 5 मई को गिरफ्तार किया था । वहीं इसके बाद एसओजी ने भी अजमेर चौकी मेंएफआई आर दर्ज करके छानबीन शुरू की है । स्टॉकिस्ट हैं संदेह के घेरे में इस मामले में बीकानेर के आधा दर्जन स्टॉकिस्ट संदेह के घेरे में है । यह इंजेक्शन बेचने के रिकार्ड में स्टॉकिस्ट ने डॉक्टर्स के नाम लिए हुए हैं । इसी कारणडॉक्टर्स से पूछताछ की जा रही है कि उन्होंने खरीदे थे या नहीं ?