Bikaner News। बीकानेर जिला मुख्यालय पर स्थित संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमबी (प्रिंस विजय सिंह मेमोरियल) अस्पताल में बनाए गए कॉलेज सेंटर में स्टॉप और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण बीती रात को कॉल सेंटर में भर्ती 125 रोगियों के ऑक्सीजन का स्तर गिर जाने से उनकी जानी जाति जाति बची अर्थात 125 रोगी मौत के मुहाने पर पहुंच गए थे अगर थोड़ा सा और देर हो जाती तो 125 की लाशे एक साथ बीछ जाती। इस मामले को जिला कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुए अस्पताल प्रशासन से जवाब तलब करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है ।
बताया जा रहा है कि अस्पताल में दो लाइन में से एक लाइन के सिलेंडर पहले से खाली थे। जब दूसरी के भी खत्म हो गए तब इस बात का पता चला। इसी वजह से लगभग आधा घण्टे तक ऑक्सीजन घट गयी हालांकि अस्पताल प्रशासन इसे मामली जम्प का कारण बता रहा है।
जानकारी के अनुसार ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए एक लाइन के 20 सिलेंडर रहते हैं। एक लाइन में सप्लाई खत्म होती है तो दूसरी लाइन तत्काल चालू कर दी जाती है। लेकिन यहां स्टाफ ने जो वैकल्पिक लाइन के सिलेंडर पहले से खाली हो चुके थे, उन्हें बदला ही नहीं था। ऐसे में चालू सप्लाई लाइन के सिलेंडर खत्म हो गए तब चालू करने पर पता चला कि वो भी खाली हैं। ताबड़तोड़ स्टॉक से सिलेंडर बुलवाकर व्यवस्था बनाई गई लेकिन इसमें 30 मिनट लग गए। उधर मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर नमित मेहता ने अस्पताल अधीक्षक से इस घटनाक्रम की पूरी रिपोर्ट मांगी है।
देर रात्रि ढाई बजे सांस लेने में आयी थी रोगियों को दिक्कत
जानकारी मिली है कि शुक्रवार देर रात्रि लगभग ढाई बजे रोगियों को सांस लेने में दिक्कत आई तो परिजनों ने ऑक्सीजन प्रेशर चेक किया। जो लगातार कम होता जा रहा था। इस दौरान वहां उपस्थित रोगियों के परिजन जो स्वयं पॉजिटिव होने के कारण भर्ती है, उन्होंने हल्ला मचाया। इसका कोई फर्क भी नहीं पड़ा। बाद में ऑक्सीजन आपूर्ति की जगह पहुंचकर वहां लोगों से उलझ गए। देर रात एक वरिष्ठ चिकित्सक डॉ सुरेंद्र वर्मा भी मौके पर पहुंचे। तब जाकर ऑक्सीजन की आपूर्ति सुचारू हो सकी।
इनका जुबानी
कोई बड़ा मामला नहीं है केवल दो मिनटों की गड़बड़ी हुई थी, लेकिन समय रहते हमने स्थितियों को संभाल लिया। हालांकि फिर भी मैं जांच करवा चुका हूं, इसके बाद ही आपको बता रहा हूं कि दो मिनट के लिए ही गड़बड़ हुई थी। –
डॉ. सलीम, पीबीएम अस्पताल अधीक्षक, बीकानेर