राजस्थान में  100 से अधिक निजी स्कूले हो सकती बंद,500 स्कूलों के नही खुलेंगे ताले

Dr. CHETAN THATHERA
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Bikaner News। राजस्थान (Rajasthan) में कोरोना संक्रमण (corona infection) का संकट नहीं के बराबर हो जाने के बाद सरकार ने 1 सितंबर से स्कॉलर शुरू करने घोषणा कर दी है लेकिन इसके बाद भी प्रदेश के करीब 500 से अधिक निजी स्कूलों (private schools) के ताले खुलने की संभावना बिल्कुल नहीं के बराबर है इन निजी स्कूल संचालकों ने कोरोना के इस दौर में नया काम धंधा शुरू कर दिया है तथा करीब 12 से अधिक निजी स्कूल संचालकों ने तो माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में अपनी मान्यता सरेंडर कर दी दी है।

प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों का संगठन एक साथ स्कूलों की मान्यता सरेंडर करने की योजना बना रहा है राजस्थान में कोरोना के चलते मार्च 2020 से ही सरकारी और निजी स्कूल है बंद पड़ी है ।

सरकार ने बीच मे केवल तीन माह के लिए इन स्कूलों को खोलने की अनुमति दी गई थी। वह भी कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थी ही इस दौरान स्कूल आए। वहीं प्री प्राइमरी से पांचवीं तक के बच्चों ने तो 15 मार्च 2020 के बाद से स्कूल की शक्ल नहीं देखी।

ऐसे में अधिकांश स्कूलो को विद्यार्थियों की फीस भी नहीं मिली। ऑनलाइन पढ़ाई कराने में अक्षम इन स्कूलों को RTE का भुगतान भी नहीं मिला। आर्थिक संकट से जूझ रहे स्कूल संचालकों ने इसे बंद करने का निर्णय कर लिया है।

हालांकि शिक्षा निदेशालय तक केवल 12 स्कूल के ही आवेदन आए है लेकिन सूत्रो के अनुसार 100 से ज्यादा स्कूल बंद होने के कगार पर है। इनमें प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूल अधिक है। सीनियर सैकंडरी स्कूल भी 11वीं व बारहवीं की मान्यता वापस सौंपने की कोशिश में है।

किराये के भवन

स्कूल बंद करने वालों में सबसे ज्यादा वो हैं, जिन्होंने किराए की बिल्डिंग ले रखी है। हर महीने हजारों रुपए किराए के रूप में नहीं दे पाने स्कूल संचालकों ने गार्जन को टीसी सौंप दी। पिछले दिनों करणपुर के बीस से ज्यादा स्कूलों के संचालकों ने SDM को ज्ञापन देकर स्कूलों की स्थिति से अवगत कराया था। इसमें भी किराए की बिल्डिंग की समस्या बताई थी।

RTE का भी भुगतान नहीं

दरअसल, पिछले साल गार्जन के साथ सरकार ने भी स्कूल्स को फीस नहीं दी। RTE (राइट टू एजुकेशन) में पढ़ने वाले करीब 8 लाख स्टूडेंट्स की फीस बकाया चल रही है। इनमें कई स्कूलों तो वर्ष 2019-20 की फीस का भुगतान भी अब तक नहीं मिला है। ये फीस भी मिल जाती तो स्कूल टीचर्स की सैलेरी, बिल्डिंग का किराया, बिजली के बिल का भुगतान कर सकता था।

स्कूल एज्यूकेशन वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कोडाराम भादू के अनुसार राजस्थान में करीब 500 स्कूल कोरोना के बाद भी नहीं खुल सकेंगे। इन स्कूलो के संचालकों ने अपना काम बदल लिया या फिर मान्यता ही सरेंडर कर दी।

स्कूल नहीं खुलने से पढ़ाई का बड़ा नुकसान हो रहा है, साथ ही लाखों लोगों का रोजगार भी पिट गया है। ऐसे में अब उन स्कूलों से मान्यता समाप्त करने के आवेदन मांगे जा रहे हैं, जो आगे संचालित नहीं करना चाहते। हम एक साथ इन स्कूलों की मान्यता माध्यमिक शिक्षा निदेशक को सरेंडर कर देंगे।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम