
बीकानेर/ राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में भी अंग्रेजी माध्यम शिक्षा शुरू करने की उठाए गए महत्वपूर्ण कदम के तहत महात्मा गांधी स्कूल खोले जा रहे थे और इन में प्रवेश लेने के लिए बढ़ती मांग तथा रुझान को देखते हुए विभाग ने महात्मा गांधी स्कूल के खोलने और संचालन के नियमों में शिथिलता व पाते हुए परिवर्तन कर आमजन को राहत दी है।
शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल आईएएस के अनुसार महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम के स्कूल अब चार हजार की आबादी वाले गांव की बजाए तीन हजार की आबादी वाले गांव में भी खोले जा खोले जा सकेंगे साथ ही शहरी क्षेत्र में स्कूल भवन के अभाव होने की स्थिति में हिंदी माध्यम के स्कूल परिसर में ही सवेरे अंग्रेजी माध्यम के स्कूल संचालित हो सकेंगे और दूसरी पारी में हिंदी माध्यम की कक्षाएं चलेगी
शिक्षा निदेशक अग्रवाल ने बताया कि
शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों राज्यभर में दो हजार से ज्यादा अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने की घोषणा की थी। इसके लिए शहरी क्षेत्र में तो स्थान ही नहीं मिल रहा। पिछले दिनों विभाग की उच्च स्तरीय मीटिंग में निर्णय हुआ कि अगर शहरी क्षेत्र में अंग्रेजी माध्यम के लिए भवन की समस्या है तो हिन्दी माध्यम के परिसर में ही अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोल दिए जाएं। अगर भवन अच्छे हैं तो सुबह की शिफ्ट में अंग्रेजी माध्यम स्कूल चलेंगे और दोपहर की शिफ्ट में हिन्दी माध्यम। अगर कोई भवन बड़ा है तो उसी परिसर में दो अलग अलग विंग भी बनाई जा सकती है। जिससे एक तरफ महात्मा गांधी स्कूल संचालित होंगे और दूसरी तरफ हिन्दी माध्यम के स्कूल चलेंगे।
मंत्री डाॅ. कल्ला ने यह कहा
शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला ने आला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नए सत्र में जो अभिभावक महात्मा गांधी स्कूल में अपने बच्चों को एडमिशन दिलाना चाहते हैं, उन्हें हर हाल में सीट उपलब्ध कराई जाए। बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल हैं, जिनके परिसर काफी बड़े हैं। यहां अब दो-दो विंग में स्कूल चल सकेंगे। इससे शहरी क्षेत्र में एक ही परिसर में दो-दो स्कूल चलाने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।