बीकानेर/ राजस्थान में सरकारी और निजी स्कूलों में 1 जुलाई से शुरू होने वाले नए शैक्षणिक सत्र में शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल आईएएस में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला और ऐसी है शिक्षा पीके गोयल से मंथन के बाद नवाचार करते हुए स्कूलों में पढ़ाई की व्यवस्था में बदलाव किया है इस बदलाव के तहत पिछले शैक्षणिक के दौरान कोरोना के कारण विद्यार्थियों को हुए पढ़ाई के नुकसान की भरपाई नए शिक्षण सत्र की पढ़ाई के साथ ही की जाएगी।
शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल आईएएस में इस संबंध में दैनिक रिपोर्टर डॉट कॉम से बातचीत में बताएं कि इस संबंध में उन्होंने आज पूरा नया कार्यक्रम जारी कर दिशा निर्देश जारी किए हैं।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल आईएएस ने बताथा की इस नवाचार को शिक्षा के बढ़ते कदम’ नाम दिया गया है और नया कार्यक्रम जारी किया है। इसके तहत पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को विशेष तरह की वर्कबुक स्कूल से दी जा रही है।
पहली से 5 वीं तक की वर्कबुक तो स्कूल तक पहुंच गई है, जबकि कक्षा 6 से 8 वीं तक की वर्कबुक जल्द ही पहुंच जाएगी। इसी वर्कबुक में हर क्लास की पिछली कक्षा का पाठ्यक्रम है। हिन्दी, गणित व अंग्रेजी विषय को वर्कबुक की सहायता से करवाया जाएगा।
कैसे होगी पढ़ाई
कक्षा एक से आठ तक सभी सरकारी स्कूलों में ब्रिज कोर्स की तरह पढ़ाई होगी। इसमें कक्षा एक में एट ग्रेड लेवल वन, कक्षा दो में एट ग्रेड लेवल टू, कक्षा तीन में बिहाइंड ग्रेड लेवल एक व दो, कक्षा चार व पांच में बिहाइंड ग्रेड लेवल दो, तीन व चार, कक्षा छह व सात में बिहाइंड ग्रेड लेवल तीन, चार व पांच तथा कक्षा आठ में बिहाइंड ग्रेड लेवल पांच, छह व सात का पाठ्यक्रम शामिल होगा। उन्होने बताया की बिहाइंड ग्रेड से मतलब पिछली कक्षाओं का पाठ्यक्रम है।
एट ग्रेड का आशय वर्तमान कक्षा का पाठ्यक्रम है। ऐसे में कक्षा एक व दो में उसी कक्षा का पाठ्यक्रम होगा लेकिन तीसरी से आठवीं तक पुराना पाठ्यक्रम भी पढ़ना होगा। वर्कबुक कक्षा एक से आठ तक होगी।
कितने चरणो में होगा कोर्स
प्रथम चरण में जुलाई से सितम्बर तक हर रोज सोमवार से शुक्रवार तक आठ में से चार पीरियड पुरानी कक्षाओं की पढ़ाई के लिए तय किए गए हैं जबकि द्वितीय चरण में दो पीरियड पुरानी कक्षाओं और छह पीरियड वर्तमान कक्षा के होंगे।
क्या है मंशा?
निदेशक गौरव अग्रवाल आईएएस ने बताथा की सरकार की मंशा है कि कोरोना काल में विद्यार्थियों की पढ़ाई नहीं होने से पुरानी कक्षाओं का आधार खत्म हो गया है। ऐसे में विद्यार्थियों का आधार वापस तैयार करने के लिए ब्रिज कोर्स करवाना पड़ रहा है।
उन्होने बताया की इस यह नया कार्यक्रम प्रदेश के सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलो में ये ही पैटर्न लागू किया है। वहीं सरकारी स्कूलो के लिए तो वर्कबुक की व्यवस्था की गई है, जबकि प्राइवेट स्कूलो के लिए वर्कबुक उपलब्ध नहीं कराई है। प्राइवेट स्कूल को वर्कबुक कहां से और कैसे मिलेगी? ये अभी तय नहीं है।
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