बीकानेर
लोकसभा चुनाव के बीच में भाजपा के पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी के पार्टी से इस्तीफे की खबर से प्रदेश के सियासी हलकों में हलचल मच गई है। भाटी ने शुक्रवार को केंद्रीय राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल पर कांग्रेस से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए भाजपा को अलविदा कह दिया। भाटी ने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी को भेजते हुए कहा है कि जिस तरह देश में पाकिस्तान के एजेंट नहीं रहने चाहिए,उसी तरह भाजपा की फौज में जयचंद नहीं रहने चाहिए।
भाटी ने प्रदेश अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा कि मेघवाल की पार्टी विरोधी गतिविधियों के संबंध में मैंने आपको, संगठन महामंत्री, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और ओम प्रकाश माथुर को आगाह किया था। पत्र में कहा गया कि हाल ही विधानसभा चुनाव में मेघवाल ने लूणकरणसर विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर सभी छह विधानसभा इलाकों में पार्टी उम्मीदवारों का विरोध किया था। उन्होंने इन नेताओं से व्यक्तिगत मुलाकात कर पहले ही बता दिया था कि भाजपा ने बीकानेर संसदीय सीट से अर्जुनराम को टिकट दिया तो मैं पार्टी से इस्तीफा दे दूंगा।
भाटी ने कहा कि पार्टी के नेताओं से बातचीत में मुझे लगा कि इस बार भी बीकानेर संसदीय क्षेत्र से मेघवाल को ही टिकट दिया जाएगा। इससे ऐसा लगता कि उनकी शिकायत को इन नेताओं ने गंभीरता से नहीं लिया है। उन्होंने दावा किया कि मेघवाल की अभी तक भी कांग्रेस नेताओं के साथ गुप्त बैठकें हो रही है।
उन्होंने कहा कि मैंने अपनी भावना से भाजपा आलाकमान को अवगत करवा दिया है। बीकानेर संसदीय क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ता किसी सूरत में मेघवाल को लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रत्याशी नहीं देखना चाहते हैं। इसके बाद भी पार्टी ने अर्जुनराम को टिकट दिया तो मेरे समर्थक भी भाजपा से इस्तीफा दे देंगे।
जयपुर में प्रेसवार्ता के दौरान पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने भाटी के इस्तीफे के सवाल पर कहा कि भाजपा में टिकट तय करने का काम संसदीय बोर्ड करेगा और भाटी की कोई भी बात होगी तो आला नेता उनसे बात कर आगे का निर्णय करेंगे। इस बारे में जब प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी से बात करने की कोशिश की गई तो बैठक में व्यस्त होने के कारण उनसे बात नहीं हो पाई।