गर्भस्थ शिशु के लिंग जांच मामले में दलाल इमरान गिरफ्तार एवज में लिए 15000 रुपए बरामद

Sameer Ur Rehman
7 Min Read

राज्य पीसीपीएडीटी दल ने किया बीकानेर में सफल डिकॉय ऑपरेशन
राजस्थान राज्य पीसीपीएडीटी प्रकोष्ठ का 115 वां डिकॉय ऑपरेशन

बीकानेर। राज्य पीसीपीएडीटी दल ने बीकानेर के एक सोनोग्राफी सेंटर पर सफल डिकॉय ऑपरेशन को अंजाम देते हुए गर्भस्थ शिशु के लिंग जांच में लिप्त एक दलाल को हिरासत में ले लिया है। अध्यक्ष राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं एनएचएम मिशन निदेशक नवीन जैन के निर्देशन में व बीकानेर सीएमएचओ डॉ. देवेन्द्र चौधरी के नेतृत्व में हुई इस कार्यवाही में सादुल गंज स्थित ओके डायग्नोस्टिक सेण्टर के दस्तावेज जब्त कर एहतियातन व परीक्षण के लिए सोनोग्राफी मशीन के उपयोग पर आगामी आदेशों तक रोक लगा दी हैं। लिंग जांच की एवज में लिए गए 15000 रुपए भी दलाल से बरामद कर लिए गए। राजस्थान राज्य पीसीपीएडीटी प्रकोष्ठ का ये 115 वां डिकॉय ऑपरेशन है।
सीएमएचओ डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि लूणकरणसर निवासी इमरान नामक व्यक्ति द्वारा गर्भस्थ शिशु के लिंग जांच करवाने की सूचना जिला पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ को मिल रही थी। इमरान निजी अस्पतालों / डायग्नोस्टिक सेंटरों के पीआरओ और जांच सामग्री आपूर्ति से सम्बंधित कार्य से जुड़ा रहा था। जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेंद्र चारण द्वारा पिछले 1 माह से इस शक्स की रेकी की जा रही थी। इस संबध में अध्यक्ष राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी नवीन जैन के निर्देशानुसार डिकॉय ऑपरेशन की योजना बनाई गई। योजनानुसार सीकर पीसीपीएनडीटी समन्वयक नंदलाल पूनियां ने दलाल से सम्पर्क साधा और लिंग जांच के लिए आग्रह किया। दलाल इसके लिए तैयार हो गया और उन्हें रविवार को सुबह 9 बजे रेलवे स्टेशन के सामने बुलाया। यहाँ डिकॉय गर्भवती महिला, उसकी सहयोगी महिला और पूनियां पहुँच गए। दलाल ने तय राशि लेकर गर्भवती और पूनियां को अपनी मोटरसाइकिल (त्श्र07 0347) पर बिठाया और डूंगर कॉलेज रोड़, सादुल गंज स्थित गायनेकोलोजिस्ट डॉ. अनीता बेनीवाल को दिखाया। डॉ. बेनीवाल ने उन्हें सोनोग्राफी करवाने की सलाह लिखी। आरोपी इमरान दलाल उन्हें उसी रोड़ पर स्थित ओके डायग्नोस्टिक सेंटर ले गया और वहाँ जांच जल्दी करवाने का आग्रह किया। गर्भवती को नजदीक ज्यूस पिलाकर लाए और सोनोलोजिस्ट डॉ. ओ.पी. भाम्भू द्वारा सोनोग्राफी की गई। दलाल वापिस सेण्टर के अन्दर गया और बाहर आकर लड़का होने की बधाई दी। इशारा पाते ही वहां पहले से मौजूद राज्य पीसीपीएनडीटी दल ने इमरान को दबोच लिया।
आरोपी को सोमवार को विशेष पीसीपीएनडीटी न्यायलय में पेश किया जाएगा। डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक अयूब खान और डॉ. ओ.पी. भाम्भू की इसमें लिप्तता की भी जांच की जा रही है। डॉ. चैधरी ने कहा कि विभाग इसी प्रकार बेटी बचाओ के मिशन पर चलकर समाज से इस भ्रूण लिंग परीक्षण एवं बेटा-बेटी के भेदभाव की सामाजिक कुरीति को मिटाने का हरसंभव प्रयास करेगा।
डिकॉय को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले डेप रक्षकों में राज्य पीबीआई थाने की क्राइम असिस्टेंट अर्चना मीणा, कांस्टेबल देवेन्द्र सिंह व बाड़मेर पीसीपीएनडीटी समन्वयक विक्रम सिंह चम्पावत भी शामिल रहे।

राजस्थान में पीसीपीएनडीटी एक्ट की क्रियान्विति, डिकाय आपरेशन का एक परिचय
प्रदेश में बाल लिंगानुपात लगातार गिरने के कारण चिंताजनक स्थिति बन गयी थी। सन 1981 में बाल लिंगानुपात 1000 लडकों पर 954 लडकियां थी जो 30 वर्षो में गिरते हुए 2011 की जनगणना में केवल 888 रह गया। इसी बीच 1994 में पीसीपीएनडीटी अधिनियम, 1996 में इसके नियम तथा 2003 में आवश्यक संशोधन होने के उपरान्त भी कन्या भ्रूण हत्या के कारण बाल लिंगानुपात में गिरावट जारी रही। ऐसे में 0-6 वर्ष की आयु वर्ग में लडकियों की संख्या का भारी मात्रा में गिरना यह साबित कर रहा था कि समाज में जागरूकता के साथ साथ सख्ती से कानून के पालन की गहन आवश्यकता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के पीसीपीएनडीटी अनुभाग द्वारा बीड़ा उठाया गया।
राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य जहां प्रत्येक सोनोग्राफी मशीन के साथ सोनोग्राफी की फिल्म रिकार्डिग हेतु एक्टिव ट्रेकर लगाया जाना आवश्यक है। अब सोनोग्राफी केन्द्रों को मशीन पर जीपीएस लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया है। राजस्थान देश का पहला राज्य है, जहां सभी सातों संभागों में पीसीपीएनडीटी न्यायालय कार्यरत है एवं पीसीपीएनडीटी ब्यूरो आफ इन्वेस्टीगेशन पुलिस थाना कार्यरत है। वर्ष 2015 के बाद भ्रूण लिंग परीक्षण करने वालों के खिलाफ डिकाय आपरेशन का बिगुल बजाकर सजा दिलाने का एक मिशन छेड़ा गया। प्रदेश में मुखबिर तंत्र को और सुदृढ़ किया गया एवं मुखबिर योजना को संशोधित कर और भी व्यवहारिक बनाकर लांच किया गया। अब योजनान्तर्गत कुल राशि बढ़ाकर 2.5 लाख रूपए कर दी गई है।
दूसरे राज्यों में प्रदेश की गर्भवती महिलाओं द्वारा भ्रूण परीक्षण कराये जाने की घटनाओं को मद्देनजर रखते हुये राजस्थान ने सीमावर्ती राज्यों के साथ इंटरस्टेट वर्कशाप्स एवं कान्फ्रैंस आयोजन की अभिनव पहल की। इससे अन्तर्राज्यीय डिकाय कार्यवाहियों को काफी बल मिला है। न्यायपालिका से भी इस पुनीत कार्य में लगातार समन्वय रखने से बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। प्रदेश में पीसीपीएनडीटी अधिनियम की शत प्रतिशत अनुपालना करते हुए राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड एवं राज्य सलाहकार समिति की बैठक गत वर्षों में तय समय पर आयोजित इनमें आये सभी प्रकरणों का शत-प्रतिशत निस्तारण किया गया है तथा राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड में लिये गये सभी निर्णयों की अनुपालना की जा चुकी है। राज्य में कार्यरत निःशुल्क चिकित्सा परामर्श 104 व 108 टोल फ्री नम्बर सेवा पर कन्या भ्रूण हत्या व लिंग परीक्षण की शिकायत दर्ज कराने की सुविधा उपलब्ध करवायी गयी है। इस पर आने वाली शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया जाता है।

Share This Article
Follow:
Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *