
Bikaner News। राजस्थान के बीकानेर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का एक ही पद है लेकिन अब इस पद पर बने रहने के लिए दो अधिकारियों में आपस में ‘भिड़ंत’ देखी जा सकती है। दोनों अधिकारी इस पद पर बना रहना चाहते हैं। ऐसे में माननीय कोर्ट के आदेश की व्याख्या भी अपने-अपने हिसाब से कर रहे हैं। जानकारी में रहे कि कोरोना काल में बीकानेर का दिल जीतने वाले डॉ. बी.एल.मीणा का तबादला राज्य सरकार ने बीते महीने की 30 दिसम्बर 2020 को हनुमानगढ़ के जिला चिकित्सालय में कर दिया था वहीं सरकार के ही निर्देश पर नागौर के सीएमएचओ डॉ. सुकुमार कश्यप को बीकानेर लगाया गया। एक दिवस पूर्व बुधवार को माननीय राजस्थान हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए पूर्व सीएमएचओ डॉ. बी.एल.मीणा को रिलीव करने के आदेश पर रोक लगा दी। कोर्ट के इस आदेश में साफ लिखा है कि मीणा को सीएमएचओ पद से रिलीव नहीं किया जाए जो 30 दिसम्बर को जारी हुआ था।
अब इस मामले में वर्तमान सीएमएचओ डॉ सुकुमार कश्यप का कहना है कि उन्हें इस पद से हटाने का आदेश अदालत ने नहीं दिया है। वहीं डॉ मीणा को एक जनवरी को ही रिलीव किया जा चुका है। डॉ कश्यप का यह भी तर्क है कि जब गजेटेड अधिकारी तबादले के बाद ज्वाइन करता है तो पूर्व अधिकारी ऑटोमेटिक ही रिलीव हो जाता है। वैसे भी डॉ मीणा के रिलीविंग आर्डर भेजे जा चुके हैं। डॉ कश्यप ने गुरुवार सुबह इस ‘विवाद’ का आगाज करते हुए डॉ मीणा के संबंध में जारी हाईकोर्ट आदेश की प्रति सोशल मीडिया पर डालते हुए लिखा कि इसमें स्टे कहां है? गजेटेड में ज्वाइन करते ही सामने वाला ऑटोमेटिक ही रिलीव माना जाता है। डॉ कश्यप ने अखबारों में छपी खबरों पर भी आपत्ति जता दी है।
उधर डॉ. बी.एल.मीणा का कहना है कि उन्हें किसी तरह का कोई रिलीविंग ऑर्डर नहीं मिला है। वे स्वयं कोविड पॉजिटिव थे और अवकाश पर थे इसके लिए उनके पास फिटनेस सर्टिफिकेट भी है।