Bhilwara news । जिले में कोरोना महामारी की स्थिति से निपटने के लिए लोकडाउन की पालना हैतु केंद्र व राज्य सरकार, प्रशासन तथा भामाशाह सतत प्रयास कर रहे हैं और इस अवधि में जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन सामग्री अथवा भोजन के पैकेट पहुंचाने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
इसी क्रम में 181 एवं संपर्क पोर्टल के माध्यम से राशन सामग्री तथा भोजन पैकेट की मांग पर सामग्री पहुंचाने गए अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा परिवारों की वास्तविक आर्थिक स्थिति देखकर वे दंग रह गये। इन परिवारों में से अधिकांश के घर पर महीने भर की राशन सामग्री उपलब्ध थी। इसके उपरांत भी इनके द्वारा निशुल्क भोजन व राशन की मांग की गई। वर्तमान में कोरोना महामारी को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आपदा घोषित किया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 52 के अंतर्गत ऐसे व्यक्तियों को अधिकतम 2 वर्ष कारावास एवं जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
उपखंड अधिकारी टीना डाबी(आईएएस) ने बताया कि भीलवाड़ा उपखंड क्षेत्र के चार व्यक्तियों के विरुद्ध पुलिस कार्यवाही हेतु संबंधित पुलिस थानों को लिखा गया है। इन परिवारों में प्रियदर्शनी नगर सुवाणा निवासी प्रभु लाल रेगर की जांच भूअभिलेख निरीक्षक गोपाल लाल चौधरी द्वारा की गई, हलेड रोड दांथल निवासी मांगीलाल बागरिया की जांच पटवारी राकेश कुमार कोली द्वारा की गई, प्रियदर्शिनी नगर सुवाणा निवासी रायसिंह पुत्र रामलाल बंजारा की जांच पटवारी नेमीचंद द्वारा तथा चपरासी कॉलोनी के कतिपय नागरिकों की जांच नायब तहसीलदार शैतान सिंह यादव द्वारा की गई।
इन सभी परिवारों द्वारा 181 पोर्टल के माध्यम से दर्ज परिवाद के निस्तारण में प्रशासन का समय एवं श्रम व्यर्थ हुआ तथा अनावश्यक मशक्कत करनी पड़ी जिसके कारण वास्तविक अभावग्रस्त व्यक्तियों तक प्रशासन को पहुंचने में विलंब हुआ।
लोगों को आगाह किया जाता है कि भविष्य में इस प्रकार मिथ्या परिवाद दर्ज करा प्रशासन का समय नष्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।