भीलवाड़ा/ राजस्थान में विधानसभा चुनाव मैं मतदान होने में मात्र तीन दिन बचे हैं विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी जहां एक और सत्ता के गलियारे तक पहुंचाने के लिए जोर लगा रही है और इस जोर में अपना दम लगा रहे हैं ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के स्टार प्रचारक बुलडोजर बाबा मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी क्या मोदी और योगी भाजपा को सत्ता के गलियारे तक पहुंचा पाएंगे, क्या व भाजपा के लिए संजीवनी बनेगे ? वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में सत्ता में बने रहने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की प्रतिष्ठ दांव पर लगी हुई है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव में प्रचार प्रसार अंतिम चरण पर है और दोनों ही राष्ट्रीयकृत पार्टियों भाजपा और कांग्रेस के साथ-साथ क्षेत्रीय पार्टियों के प्रत्याशी भी अपना पूरा दमखम सत्ता के गलियारे तक पहुंचने में लगा रहे हैं। चुनाव प्रचार अपने अंतिम चरण में है।
राजस्थान में पिछले दो दशक से चल रहे हर 5 साल में सत्ता परिवर्तन के इस सिलसिले को जारी रखने और सत्ता के गलियारा तक पहुंचाने के लिए भाजपा युद्ध स्तर पर लगी हुई है और पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री का कोई चेहरा घोषित नहीं किया गया है यहां की पूरी कमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाल रखी है और मोदी राजस्थान में धुआंधार दौरे आम सभाएं और रोड शो कर रहे हैं और इस अभियान में उनका साथ निभा रहे हैं।
देश के दूसरे चर्चित चेहरे जिन्हें बुलडोजर बाबा के नाम से जाने जाने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी तथा राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे । कर्नाटक और हिमाचल विधानसभा चुनाव में मोदी का जादू नहीं चला था लेकिन क्या राजस्थान में मोदी और योगी का जादू चलेगा और वह भाजपा की नैया पर कर पाएंगे ?
इसी तरह दूसरी ओर राजस्थान में सत्ता पक्ष कांग्रेस प्रदेश में चली आ रही हर 5 साल में सत्ता परिवर्तन की परंपरा और मिथक को तोड़कर वापस सत्ता हासिल करने के लिए जी तोड़ लगी हुई है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसके लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं और राजस्थान में ताबड़तोड़ सभाएं कर रहे हैं।
इनके अलावा कांग्रेस के स्टार प्रचारक भाई-बहन राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जनसभाएं कर कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां को गिराने के साथ ही सत्ता में आने पर राहत और लाभ की गारंटी दे रहे हैं। प्रदेश के इस चुनाव मे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है और तीनों मिलकर क्या वापस कांग्रेस को सत्ता के गलियारे तक पहुंच पाएंगे ?
आम मतदाता किस सत्ता का ताज पहनाएगा और किस बाहर का रास्ता दिखाएगा यह 25 तारीख को मतदान के दिन सेमीफाइनल और 3 दिसंबर को मतगणना के दिन फाइनल आज के बाद स्पष्ट हो जाएगा