भीलवाड़ा/ सूर्य नगरी जोधपुर मे तीन दिन पूर्व माॅडल उपाध्याय द्वारा होटल की छठी मंजिल से कूदकर सुसाइड करने के मामले मे चौंकाने वाले हुए खुलासे के बाद गहलोत सरकार के काबिना मंत्री रामलाल जाट ( राजस्व मंत्री) एक बार फिर सुर्खियों मे आ गए है और भीलवाडा सहित राजस्थान की राजनीति मे खलबली मची हुई है।
जोधपुर की मॉडल उपाध्याय के सुसाइड मामले में जोधपुर डीसीपी भुवनेश भुवन द्वारा खुलासा करने के बाद की मॉडल उपाध्याय के जरिए जयपुर की मॉडल दीपाली (30 )और उसका साथी अक्षत (32) गहलोत सरकार के कैबिनेट राजस्व मंत्री रामलाल जाट को हनी ट्रैप में फंसाने की साजिश थी।
लेकिन सफल नहीं हो पाई डीसीपी भुवनेश भुवन द्वारा मीडिया के साथ खुलासे में कहा कि मंत्रियों नेताओं के पास उनके परिचितों के फोन आते हैं कि हम परिवादी को भेज रहे हैं आप देख लेना इस पर मंत्री और राजनेता कहते हैं कि भेज दो देख लेंगे ।
अब यहां सवाल यह उठता है कि राजस्व मंत्री जो भीलवाड़ा जिले के मांडल विधानसभा से विधायक हैं और 29 जनवरी को भीलवाड़ा में ही होकर सर्किट हाउस में रुके हुए थे जहां उन सर्किट हाउस के सामने ही होटल मैं ठहरे दीपाली और अक्षत ने मॉडल उपाध्याय के मॉडलिंग और नहाते समय पूर्व में लिए गए आपत्तिजनक वीडियो के आधार पर मंत्री रामलाल जाट के साथ सोने का दबाव बनाया था और उनसे सर्किट हाउस में मिलकर उन्हें फंसाने की बात कही थी।
मॉडल उपाध्याय ने इससे इंकार कर दिया था । अब सवाल यह खड़ा होता है कि दीपाली और अक्षत में मॉडल उपाध्याय को मंत्री के साथ सोने की बात किस आधार पर कही थी ? किसके कहने पर मॉडल को मंत्री के साथ हमबिस्तर करने की योजना बनी थी ? दीपाली और अक्षत से मिलने के लिए मंत्री रामलाल जाट को किसने फोन किया था ? स्वाभाविक है कि मंत्री जाट को फोन करने वाला कोई पहचान का ही होगा या फिर ? तो वह शख्स कौन था और कहां से था ? दीपाली और अक्षत किसके इशारे पर काम कर रहे थे? गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल में से आखिर मंत्री रामलाल जाट को ही इस षड्यंत्र में फंसाने के लिए क्यों चुना गया? ऐसे कई सवाल हैं ।
ऐसे सवालों की दिशा में क्या पुलिस काम कर रही है ? और क्या पुलिस के हाथ सवालों के पीछे छिपे या यूं कहें कि इस षड्यंत्र के पीछे पर्दे में छुपे लोगों कि गिरेबान तक पहुंचेंगे ?
मंत्री जाट एक बार फिर…
भीलवाड़ा जिले के मांडल विधानसभा से विधायक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मेवाड़ के किसान नेता के नाम से जाने जाने वाले रामलाल जाट हमेशा हर समाज और वर्ग के लिए सहायता के लिए तत्पर रहते हैं हंसमुख होने के साथ ही भलाई और मदद में विश्वास रखते हैं लेकिन पता नहीं किस्मत उनके साथ क्या खेल खेलती है या यूं कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी की रामलाल जाट जब भी मंत्री पद पर आते हैं तो कटघरे में और विवादों में खड़े कर दिए जाते है आखिर क्यों ? इससे पूर्व मंत्री रामलाल जाट जब गहलोत सरकार में ही खान एवं पर्यावरण मंत्री थे तब पारस देवी द्वारा आत्महत्या करने के मामले में उनके साथ उनके रिश्ते को लेकर बहुत बड़ा बवाल हुआ था और इसके चलते रामलाल जाट को सन 2010 में मंत्री पद छोड़ना पड़ा था और अब एक बार फिर ।गहलोत सरकार में काबिना राजस्व मंत्री के रूप में हाल ही में मंत्रालय का प्रभार संभाला है और एक बार फिर से उनको इस तरह हनी ट्रैप मे फंसाकर उन्हें बदनाम करने के साथ ही उनके राजनीतिक सफर मैं रुकावट के हालात उत्पन्न करने की कोशिश की गई है ।
अक्षत के पास है प्रेस कार्ड, दीपाली व अक्षत हनीट्रेप के मास्टर…
हनीट्रैप की कोशिश में गिरफ्तार अक्षत उर्फ सागर उर्फ चिनू उर्फ नितिन शर्मा अपने आप को पत्रकार और लाइजनर बताता था। रिपोर्टर बनाने की आड़ में लड़कियों को फंसाने का काम करता था। आरोपी के खिलाफ पहले 2016 और 2019 में हनीट्रैप के मामले दर्ज हो चुके हैं।
2016 में जयपुर में हनीट्रैप का मामला सामने आने के बाद 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसमें अक्षत मास्टरमाइंड था और जेल गया था। अक्षत और दीपाली मिलकर गैंग चलाते हैं। इस मामले में मॉडल ने पुलिस को और भी नाम बताए हैं। पुलिस उनको पकड़ने के लिए दबिश दे रही है। इधर, मॉडल की हालत में सुधार है। उसे बचाने के लिए शहरवासी भी आगे आ रहे हैं। मंगलवार को 30 यूनिट ब्लड की जरूरत थी। इस पर 29 लोगों ने ब्लड डोनेट किया।