पशुचिकित्सा कर्मियों के हड़ताल का तीसरा दिन, लम्पी स्कीन डिजिज की चपेट में 48 गोवंश 

जहाजपुर (आज़ाद नेब) 11 सू‌त्री मांगों को लेकर क्षेत्र के 26 पशुचिकित्सा संस्थाओं पर तीन दिन से तालाबंदी कर सामुहिक अवकाश जाने से लम्पी स्कीन डिजिज से पीड़ित गोवंश की हालत गंभीर है। 

संघ के ब्लाक अध्यक्ष ओमनारायण मीना ने बताया कि सीसी 2 से पशुचिकित्सा कर्मचारी संघ के कर्मचारी अपने प्रदेश नेतृत्व एवं जिला यूनियन के आह्वान पर सामुहिक अवकाश पर हैं। इनकी मुख्य मांग है की मार्च 2022 में सरकार एवम इनके मध्य इनकी समस्त मांगों पर सहमति का लिखित समझौता हुआ जो की तीन माह में पुरी करनी थी।

जिससे परेशान होकर संघ ने अपनी 11 सू‌त्री मांगों हेतु 22 अगस्त से सामुहिक अवकाश पर जाने का निर्णय किया, इस पर भी पशुपालन विभाग के सचिव ने लिखित में 7 दिन का समय चाहा जिस पर पशुपालकों के हित को देखते हुए संघ ने अपना आंदोलन 7 दिन 29 अगस्त तक डाल दिया पर फिर भी सरकार द्वारा कुछ नहीं किया।

सरकार हठधर्मिता एवम विभागीय अधिकारियों द्वारा आज दिनांक तक कोई मांग नहीं मानी गयी जिससे मजबूरी वश हमें सामुहिक अवकाश का कदम उठाना पड़ा। जोधराज गुर्जर, ओमनारायण मीना एवं इन्द्रजीत रेगर सहित ब्लॉक के समस्त संघ के कर्मचारी उपस्थित थे।

 

पशु चिकित्सा अधिकारी शैतान सिंह मीणा ने बताया कि जहाजपुर क्षेत्र में 116 लंम्पी से ग्रसित थी जिनमें से 68 गोवंश को रिकवर कर लिया गया है। 48 गोवंश अभी भी लम्पी स्कीन डिजिज की चपेट में हैं जिनका इलाज जारी है। किसानों को सलाह दी जाती है कि गोवंश को बाहर ना भेजें क्योंकि यह वायरस एक दूसरे के सम्पर्क में आने से ज्यादा फैलती है।

लंपी वायरस मवेशियों में होने वाले संक्रामक रोग है, जो ज्यादातर गायों में हो रहा है इसका प्रमुख लक्षण मवेशी के नाक और मुंह से पानी या लार का गिरना, तेज बुखार आना है। इस बीमारी में मवेशी भोजन छोड़ देते हैं. पशुओं के चमड़ी के नीचे छोटे छोटे दाने हो जाते हैं। तेज बुखार के साथ वह दाने घाव का रूप ले लेते हैं। यह ज्यादातर मुंह, गर्दन, मलाशय और योनि में पाए जाते हैं।