भीलवाड़ा/ शहर के उप नगर सांगानेर के भाजपा पार्षद ने आज जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया । पार्षद ने जहर खाने से पहले एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया भी वायरल किया जिसमें उसने कुछ लोगों पर परेशान करने व धमकाने प्रताडित करने का आरोप लगाया है।
जानकारी के अनुसार नगर परिषद के वार्ड नंबर 50 उपनगर सांगानेर के भाजपा पार्षद और आदर्शनगर निवासी उदयलाल पुत्र श्यामलाल तेली(35) ने वीडियो वायरल करने के बाद सिद्धि विनायक हॉस्पिटल के पीछे कीटनाशक दवा का सेवन कर लिया इसके चलते पार्षद तेली की हालत बिगड़ गई ।
वीडियो के आधार पर परिचित मौके पर पहुंचे और पार्षद को महात्मा गांधी अस्पताल ले जाया गया, जहां आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया जहा अब उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। पार्षद की रिपोर्ट पर अगर पुलिस सजग होती तो शायद यह घटना नही होती यह चर्चा शहर मे बनी हुई है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियों में पार्षद ने कहा की मैं पार्षद उदयलाल तेली। मुझे 15 दिनों से इतनी धमकियां मिल रही है। मुझे बदनाम करने की साजिश चल रही है। भगत सेन और उसके दो पुत्रो द्वारा मेरे ऊपर तीन बार हमलाकिया गया।
जिसकी मैने पुलिस थाने में भी रिपोर्ट दी है। आज सुबह मैं शेविंग बनाने गया तो निर्मल भट्ट ने मेरी कालर पकड़कर मेरे से फर्जी पट्टा बनाने की मांग की और फर्जी तरीके से स्ट्रीप डलवाने के लिए मेरे पर जो आरोप लगाए है तथा प्रवीण सिंघवी भी मुझे परेशान कर रहे है इससे आहत होकर मैं अपनी जीवन लीला समाप्त कर रहा हूं। मेरी मौत के जिम्मेदार यहीं लोग है जो मेरे पर झूठे आरोप लगा रहे है ।
वीडियो मे पार्षद ने कहा की प्रवीण सिंघवी कहता है की मे उसकी दुकान से सामान ले जाता हूं और पैसा नहीं देता । मैने जब भी इनकी दुकान से सामान लिया पैसा दिया है। उसकी बेलेंस डिटेल मेरे फोन पे पर है। इस तरह से मेरे को नाजायज परेशान करके बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। इन लोगों ने मुझे काफी परेशान कर दिया है। ये भूमाफिया है।
इन्होनें मुझे जो काम बताए है वह मैं नहीं कर पाया इसलिए मेरी कालर पकड़कर के वार्डवासियों के सामने बदनाम किया इससे परेशान होकर मैं अपनी जीवनलीला समाप्त कर रहा हूं। आप सब लोग मेरे परिवार का ध्यान रखना। भीमगंज थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है ।
आखिर पुलिस ने…
पार्षद के वायरल वीडियो के अनुसार पार्षद तेली ने अगर पुलिस थाने मे उसे मिल रही धमकियों के बारे मे रिपोर्ट दी थी तो पुलिस ने उस पर पड़ताल क्यों नही की ? अगर की तो क्या परिणाम आया ? अगर पड़ताल की होती तो पार्षद को शायद यह कदम नही उठाना पडता ? यह चर्चा शहर मे बनी हुई है