
भीलवाड़ा /भीलवाड़ा वासियों के लिए अच्छी खबर है। केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार के उस प्रोजेक्ट को मंजूरी प्रदान कर दी है जिसके तहत भीलवाड़ा शहर के बकाया क्षेत्रों में चंबल परियोजना के माध्यम से पेयजल पहुंचाना है। इसके लिए जलदाय विभाग की योजना अमृत-2 के 131 करोड़ 53 लाख रूपए लागत का प्रस्ताव तैयार करके भिजवाया गया था।
केन्द्र सरकार ने अमृत योजना के तहत राजस्थान सरकार के 6954 करोड़ की लागत के कुल 205 प्रस्तावों को मंजूरी जिनमें भीलवाड़ा का 131 करोड़ का प्रस्ताव भी शामिल है। कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं भीलवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी अनिल डांगी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ जल संसाधन मंत्री महेश जोशी से भीलवाड़ा शहर के बकाया क्षेत्रों में चंबल परियोजना के माध्यम से पेयजल पहुंचाने के लिए 131 करोड़ 53 लाख रूपए लागत की जलदाय विभाग की योजना अमृत-2 के तहत स्वीकृत कर बजट में शामिल करने का आग्रह किया था।
उनकी मांग के बाद ही जलदाय विभाग ने इस बारे में प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भिजवाया था। राज्य सरकार ने इसे अमृत परिेयोजना में शामिल कर स्वीकृति के लिए केन्द्र को भेजा था। स्वीकृत परियोजना के तहत होेने वाले व्यय में 81.42 करोड़ रूपए का बजट राज्य सरकार एवं 41 करोड़ रूपए का बजट केन्द्र सरकार देंगी। शहरी निकाय भी परियोजना के लिए सहयोग करेंगे।
कांग्रेस विधानसभा प्रत्याशी रहे डांगी ने इस परियोजना को मंजूरी दिलाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं जलदाय मंत्री महेश जोशी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा होने से शहर की 70 से अधिक निजी कॉलोनियों के साथ वंचित क्षेत्रों में भी चंबल परियोजना का पानी पहुंच सकेगा।
उन्होंने बताया कि चंबल परियोजना स्वीकृति के बाद शहर की आबादी करीब डेढ़ गुना बढ़ चुकी है। भीलवाड़ा शहर के चारों तरफ कई कॉलोनियां विकसित हो गई जिनमें करीब डेढ़ लाख लोग निवास कर रहे है लेकिन उन्हें चंबल परियोजना से पेयजल नहीं मिल पा रहा है।
इसके लिए जलदाय विभाग के माध्यम से अमृत-2 के तहत 131 करोड़ 53 लाख का प्रस्ताव तैयार कराया गया था। कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अनिल डांगी ने बताया कि चंबल परियोजना से प्रचुर पानी की उपलब्धता के बावजूद निजी कॉलोनियों में जलदाय विभाग की पाइपलाइन ही नहीं होने से नल का पानी वितरित नहीं हो पा रहा है।
निजी कॉलोनियों में निवास करने वाले टैंकर एवं बोरिंग के पानी से प्यास बुझाने को मजबूर है। इस परियोजना की स्वीकृति से अब शहर के सभी वंचित क्षेत्रों को भी नल के माध्यम से चंबल परियोजना के पानी की आपूर्ति हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि इस बात का पूरा प्रयास किया जाएगा कि परियोजना स्वीकृति के बाद कार्य जल्द शुरू होकर सभी शहरवासियों को नलों के माध्यम से पीने का शुद्ध पानी मिल सके और उन्हें पेयजल प्राप्त करने के लिए परेशान नहीं होना पड़े।