शिक्षा विभाग – सीबीईओ साबिया बानो ने किया पद का दुरूपयोग, निकाला नियम विरुद्ध आदेश, सरकार को लाखों की चपत

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Bhilwara।शिक्षा विभाग में अंधेर के गर्दी चौपट राजा की कहावत को चरितार्थ करते हुए जिले के सुवाणा ब्लॉक की सी बी ई ओ साबिया बानो ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए ।

 

कोरोना महामारी के नाम पर नियमों की अनदेखी कर नियम विरुद्ध ब्लॉक के शिक्षकों वह स्टॉप को धड़ल्ले से उपार्जित अवकाश (पीएल) की स्वीकृत्तियां दे दी । इन स्वीकृत्तियों से सरकार को आगामी समय में लाखों रुपए की राजकोष की चपत लगेगी।

राज्य सरकार के सभी कार्मिकों व शिक्षकों को उपार्जित अवकाश (पीएल) मिलती है और उपार्जित अवकाश के बदले सेवानिवृत्ति पर वेतन का भुगतान नकद राशि के रूप में मिलता है और इसी उपार्जित अवकाश के लिए सरकार द्वारा नियम बना रखे हैं और उन्हीं नियमों के तहत यह उपार्जित अवकाश स्वीकृत होता है ।

लेकिन शिक्षा विभाग मैं सुवाणा ब्लॉक की सी बी ई ओ साबिया बानो ने सरकार के द्वारा बनाए गए सब नियमों की अनदेखी कर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने चहेतों को लाभ देने के लिए बेधड़क होकर करीब 2000 से भी अधिक उपार्जित अवकाश की स्वीकृति जारी कर दी जो आने वाले दिनों में सरकार के राजकोष को भारी पड़ेगी ।

उपार्जित अवकाश के नियम

1– एक साल में 30 से अधिक उपार्जित अवकाश नहीं मिल सकता

2– सरकार की और से शिक्षकों को 15 उपार्जित अवकाश देय है ।

3– स्कूलों को छोडकर अन्य सभी सरकारी कार्यालयो मे कार्यरत कार्मिको को एक साल मे 30 उपार्जित अवकाश मिलता है ।

4– सरकारी स्कूलो मे चूंकि डेढ माह का ग्रीष्मकालीन अवकाश ( गर्मी की छुट्टियां) मिलती है इसलिए 15 उपार्जित अवकाश ही देय है ।।

5– शिक्षको व सरकारी स्कूलो मे कार्यरत कार्मिको को अतिरिक्त 15 उपार्जित अवकाश तभी देय है जब वह ग्रीष्मकालीन अवकाश और मध्यावधि अवकाश के दौरान ड्यूटी देते है ।

6– शिक्षको व स्कूलो के कार्मिको को ग्रीष्मकालीन अवकाश व मध्यावधि अवकाश के दौरान 3 दिन ड्यूटी देने पर 1 दिन का उपार्जित अवकाश मिलता है ।

7– शिक्षकों और सरकारी स्कूलों में कार्यरत कार्मिकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश और मध्यावधि अवकाश मैं ड्यूटी देने पर ही 15 दिन का अतिरिक्त उपार्जित अवकाश देय है लेकिन वह भी शैक्षणिक सत्र अवधि 1 जुलाई से 30 जून की अवधि तक ही मिलता है

30 उपार्जित अवकाश के लिए शिक्षक व स्कूलों के कार्मिक क्या करते

सरकार के नियमों के तहत शिक्षकों और स्कूलों में कार्यरत कार्मिकों को छोड़कर अन्य कार्यालयों में कार्यरत कार्मिकों अधिकारियों को 1 साल में 30 उपार्जित अवकाश देय है।

इन कार्यालय में कार्यरत अधिकारी और कार्मिक बतौर उदाहरण 1 साल में 15 उपार्जित अवकाश ले भी लेते हैं तो भी इनके 15 उपार्जित अवकाश बचते हैं जो अगले साल के उपार्जित अवकाश में जुड़ जाते हैं और इस तरह इन कार्मिकों व अधिकारियों के सेवानिवृत्ति पर 300 उपार्जित अवकाश एकत्र हो जाने पर उनको
10 माह का वेतन का नगद भुगतान मिलता है ।

उदाहरण के तौर पर किसी कार्यलय के अधिकारी का प्रतिमा ₹100000 वेतन है तो 10 माह के 1000000 रुपए वेतन बनता है इनको 10 लाख नकद मिलेगा । और इसीलिए शिक्षक और स्कूलों में कार्यरत कार्मिक 15 अतिरिक्त उपार्जित अवकाश लेने के लिए अवकाश के दौरान अपनी ड्यूटी लगवाते है ताकि उन्हें 15 उपार्जित अवकाश मिल सके।

साबिया बानो ने क्या किया

सी बी ई ओ साबिया बानो ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कोरोना के नाम पर इन सभी नियमों को दरकिनार करते हुए कार्य दिवस के दौरान ही उपार्जित अवकाश दे दिया तो किसी को 45 दिन का तो किसी को 62 दिन का उपार्जित अवकाश दे दिया ।

 

कोरोना में ड्यूटी के लिए भी नियम है

1– जिला प्रशासन की ओर से संबंधित शिक्षक व कार्मिक के अधिकारी जैसे सी बी ई डी ओ, डी ओ और सी बी ई ओ को आदेश निकाला जाता है की आपके कार्यालय से कोरोना में विभिन्न कार्य के लिए ड्यूटी लगाएं तथा इन अधिकारियों से शिक्षकों व उक्त कार्मिकों के नाम भी सीधे मांग लिए जाते हैं

2– प्रशासन द्वारा जारी आदेश के बाद सीडीईओ, डीईओ और सीबीईओ द्वारा जिसकी ड्यूटी लगाई जानी है उससे संबंधित शिक्षक और कार्मिक को अपने कार्यालयों से आदेश ड्यूटी के लिए निकाला जाता है।

3– आदेशों के बाद शिक्षक और कार्मिक जहां ड्यूटी लगाई जाती है वहां पर अपनी ड्यूटी देता है और अपनी ड्यूटी की समय अवधि कितने दिन के लिए लगाई जाती है समाप्त होने पर वहां से उस शिक्षक या कार्मिक को ऑन ड्यूटी आदेश अर्थात प्रमाण पत्र दिया जाता है उसके बाद उसे वहां से रिलीव किया जाता है और वह उस प्रमाण पत्र के आधार पर सारे बार ग्रहण करता है और उसी आधार पर उसका उपार्जित अवकाश बनता है।

4– उपार्जित अवकाश दे के दौरान उक्त आदेशों के अलावा संबंधित स्कूल का उपस्थिति रजिस्टर की फोटो प्रति भी संलग्न करनी पड़ती है।

लेकिन सीबीईओ साबिया बानो ने इन सब आदेशों व नियमों की भी अनदेखी की है ।

इनका कहना

इस मामले के उच्च अधिकारियों से तत्काल जांच कराई जाएगी और जांच के दौरान अगर उपार्जित अवकाश ज्यादा दिया गया है तो वसूली की जाएगी इसके साथ ही उक्त आदेश जारी करने वाले अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी ।

सौरभ स्वामी (आईएएस)
निदेशक
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर

 

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