भीलवाड़ा/ । कल साल 2020 का अंतिम सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साल का अंतिम सूर्य ग्रहण बेहद महत्वपूर्ण है। यह सूर्यग्रहण यूं तो भारत में दिखेगा नहीं क्योंकि ग्रहण के दौरान भारत में रात का समय होगा। लेकिन ग्रहण का प्रभाव ना केवल दुनिया के विभिन्न देशों पर होगा बल्कि यह भारत के लिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण रहेगा। सूर्यग्रहण दक्षिण अमेरिका, साउथ अफ्रीका और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। 14-15 दिसंबर को लगने वाला ग्रहण खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा। गुरू चांडाल योग बन रहे है जो भारत की राजनीति में काफी उथल-पुथल मचाएगा यह योग इस योग के कारण कई राजनेताओं की सच्चाई सामने आएगी तो कई राजनेता जेल की सलाखों के पीछे भी हो सकते हैं इस ग्रहण पर इस बार 5 ग्रह एक साथ होंगे यह भी एक बड़ा सहयोग है ।
कारोई के ज्योतिष पण्डित गोपाल उपाध्याय पुत्र नानूराम उपाध्याय ने यह जानकारी देते हुए बताया की सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर 2020 को लग रहा है। सूर्य ग्रहण भारत में शाम को 07 बजकर 03 मिनट से शुरू होगा। सूर्य ग्रहण की समाप्ति 14 दिसंबर को मध्यरात्रि उपरान्त यानि 15 दिसंबर 2020 की 12 बजकर 23 मिनट पर होगी। पंचांग के अनुसार सूर्यग्रहण लगभग 5 घंटे का होगा।
सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पूर्व सूतक काल का आरंभ होगा। सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इस सूतक काल में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार यह सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि में और ज्येष्ठा नक्षत्र में लगेगा।
ग्रहण के समय 5 ग्रह होंगे एक साथ ,यह रखे सावधानी
सूर्य ग्रहण के समय 5 ग्रह होंगे एक साथ होंगे कल पड़ने वाले ग्रहण के समय मिथुन लग्न होगा। खास बात यह है कि यह ग्रहण संयोग वश वृश्चिक राशि में होने जा रहा है। यहां सूर्य के साथ चंद्रमा, बुध, शुक्र, सूर्य और केतु भी मौजूद रहेंगे। इसका अर्थ यह हुआ कि वृश्चिक राशि में 5 ग्रहों की मौजूदगी में वृश्चिक राशि में सूर्य ग्रहण लगेगा। ऐसे में इस सूर्यग्रहण के बाद देश की राजधानी दिल्ली में बड़े घटना क्रम देखने को मिल सकते हैं। सूर्य ग्रहण के समय पांच ग्रहों के योग से कई लोगों का जीवन प्रभावित होगा।
सूर्यग्रहण का किन-किन पर क्या होगा प्रभाव
सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार शाम 7 बजकर 4 मिनट से मध्य रात्रि तक रहेगा। चूंकि ग्रहण की छाया भारत में दृश्य नहीं है तो इसका कोई धार्मिक महत्व नहीं है लेकिन वृश्चिक राशि में सूर्य के पीड़ित होने साथ सूर्य की संक्रांति भी ग्रहण के कुछ समय बाद होने जा रहा है। ऐसे में यह ग्रहण बड़े राजनेताओं के लिए शुभ नहीं है। क्योंकि राजनीति का राहु कारक है जो राजनीति के लोग जनता को चकमा दे रहे थे जनता के साथ भूल भुलैया का खेल खेल रहे थे वह सामने आएगा। क्योंकि राहु की दृष्टि गुरु पर जाएगी इस वक्त मकर राशि में है। शनि के साथ मकर राशि के गुरु जो है नीच के होतेहैं इसीलिए गुरु चांडाल योग राहु की दृष्टि से इस बार बन रहा है जो कि अप्रैल तक रहेगा। इसमें बहुत सारी बातें जनता के सामने आएगी और राजनीति लोगों को यह थोड़ा मुसीबत भरा समय रहेगा ताकि कुछ आपके सामने जो छुपाया गया है वह आपके सामने के संकेत मिलेंगे। आपके सामने सच लाएगा क्योंकि राहु जो है इस वक्त गुरु का दृष्टि जाने के कारण जो गुरु चांडाल योग निर्माण हो रहा है। जिन लोगों की कुंडली में मकर राशि में या दशम भाव में गुरु है खास करके उनको सावधानी बरतने की जरूरत है और जिनकी कुंडली में गुरु चांडाल योग निर्माण पहले से ही है उनको भी तकलीफ होने की सत्यता ज्यादा है।
गुरु चांडाल योग से संभलकर रहें
गुरु चांडाल वाले लोग भी थोड़ा संभल कर रहे क्योंकि मकर राशि के लोगों की कुंडली में पहले से ही यह योग है और ग्रह गोचर में भी यह रोग उपस्थित हो रहा है। इसमें से गुरु चांडाल की शक्ति दोनों में ज्यादा होगी इसलिए राजनीतिक लोग जेल में जाने की संभावना है। यह आपको 14 दिसंबर के बाद देखने को मिलेगा। दिसंबर से अप्रैल तक का समय काफी उथल-पुथल मच सकती है।
ज्योतिष पण्डित गोपाल उपाध्याय
कारोई मोबाइलनंबर -94615–32353