भीलवाडा / राजस्थान के सरकारी स्कूलो मे घंटी बजाने, पानी पिलाने वाला तक का अभाव है मतलब स्कूलो मे सहायक कर्मचारियों ( चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) नही है स्थिति यह है की पूरे प्रेदश की सरकारी स्कूलो मे करीब साढे 17 हजार से अधिक पद मतलब करीब 70 प्रतिशत सहायक कर्मचारियों के पद पिछले 24 सालो से खाली पडे है लेकिन कोई भी सरकार चाहे भाजपा हो या कांग्रेस किसी ने सीधी भर्ती नही की । नतीजन मजबूरन स्कूलो मे साफ- सफाई का काम शिक्षको और विद्यार्थियों को करना पड रहा है ।
कितने स्कूल और कितने सहायक कर्मचारी
राज्य के 65 हजार सरकारी स्कूलों में सहायक कर्मचारियों के 25859 पद स्वीकृत हैं, लेकिन विभाग के हाल देखिए कि इसमें से 17655 पद खाली हैं। यानी विभाग में सहायक कर्मचारियों के 68 फीसदी पद खाली हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि पिछले 24 साल से इन पदों पर सीधी भर्ती नहीं हुई है। इस कारण सरकारी स्कूलों में सफाई व्यवस्था के बुरे हाल हैं।
पढाने व पढाई की बजाय सफाई को मजबूर
सहायक कर्मचारियों के इतनी बडी संख्या मे पद खाली होने से स्कूल खुलने पर बच्चों और शिक्षकों पढने और पढाने के बजाय इनको को ही क्लासरूम की सफाई करनी पड़ रही है। इसके बावजूद सरकार के स्तर पर इन पदों को भरने की व्यवस्था नहीं हो रही है। विभाग में रिक्त सहायक कर्मचारियों के पदों को केवल अनुकंपा नियुक्ति से भरा जा रहा है। 10 साल में 1761 कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति मिली है। रिक्त पदों की तुलना में यह आंकड़ा 10% से भी कम है।
निदेशालय के यह हालात
राज्य के सबसे बड़े शिक्षा निदेशालय में भी सहायक कर्मचारियों के 30 फीसदी पद खाली हैं। निदेशालय में सहायक कर्मचारियों के 82 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 25 खाली हैं। नतीजा एक सहायक कर्मचारी को चार-चार अनुभागों का काम देखना पड़ रहा है।
सहायक कर्मचारियों के पदों का आंकड़ा
स्वीकृत पद -25859
कार्यरत- 8204
रिक्त -17655
यानि 68.27% पद खाली
सरकारी स्कूल- 65 हजार
नामांकन- 85,36,457
(आंकड़े शिक्षा विभाग के अनुसार)
भीलवाडा जिले की स्थिति
सहायक कर्मचारी के पद स्वीकृत–1001
खाली पडे — 731
75% पद खाली पडे है