भीलवाड़ा-(मूलचन्द पेसवानी)। मेनका गांधी के नेतृत्व में पशु अधिकारों के लिए कार्यरत राष्ट्रीय संस्था पीपुल फॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू व पीएफए के जिलाध्यक्ष सुनील जागेटिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि स्टाम्पों व मकान तथा भूमि की रजिस्ट्री के समय गायों के संरक्षण के नाम पर वसूले जा रहे 20 प्रतिशत गो-सेस की राशि प्रदेश में केवल गोशालाओं में पल रही गायों पर ही खर्च होना चाहिए।
पर्यावरणविद जाजू ने बताया कि पिछले 6 माह से सरकार के पास गो-सेस का सैकड़ों करोड़ रूपया जमा होने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा गोशालाओं को तयशुदा अनुदान की राशि नहीं दी जा रही है। जिससे प्रदेश की करीबन 3500 गौशालाओं में पल रहे 9 लाख गायों व बछड़ों को चारा-पानी व अन्य खाद्य सामग्री खिलाने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। पीएफए के संरक्षक व प्रख्यात गोभक्त अशोक कोठारी व गोशाला संचालक सुरेंद्र डांगी ने भी 6 माह का बकाया अनुदान गोशालाओं को दिलाने व प्रदेश मंे गो-सेस के रूप में जमा राशि को अन्य मद मंे खर्च नहीं करने की मांग की है। जाजू ने सरकार को चेताते हुए कहा कि यदि गो-सेस की राशि अन्य कार्यों में खर्च की जाती है तो इस मामले को प्रदेश के उच्च न्यायालय की शरण ली जायेगी।