अमेरिका में राजस्थानी संस्कृति और पंरपंरा जीवंत, मनाई गणगौर, निकाली सवारी

Dr. CHETAN THATHERA
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भीलवाड़ा/ आज के इस युग और दौर में आमजन पाश्चात्य संस्कृति की और दौड़ रहे हैं विशेषकर युवा पीढ़ी देश की संस्कृति और परंपरा को छोड़ पाश्चात्य संस्कृति की ओर भाग रही है इसी दौर में पाश्चात्य संस्कृति के देश अमेरिका मैं आज भी राजस्थानी संस्कृति और परंपरा कायम है और इसे जीवंत व कायम रखे हुए हैं राजस्थान के प्रवासी जो अमेरिका में निवास कर रहे हैं अभी हाल ही में राजस्थानी संस्कृति और परंपरा का पर्व गणगौर का त्यौहार अमेरिका के फिलाडेल्फिया में धूम धाम से पूरी राजस्थानी संस्कृति और परंपरा के अनुसार मनाया गया।

राजस्थान के शेखावाटी अंचल के झुंझुनू जिले के रहने वाले डॉ रवि मुरारका जो पिछले 40 सालों से अमेरिका मैं अपने परिवार के साथ निवास कर रहे हैं और यह अमेरिका और अमेरिका के फिलाडेल्फिया सहित अन्य देशों में राजस्थान के बड़ी संख्या में परिवार रहते हैं और व्यवसाय कर रहे हैं।

Rajasthani culture and tradition come alive in America, celebrated Gangaur, took out ride

डॉ रवि मुरारका ने दैनिक रिपोर्टर डॉट कॉम के सीईओ वरिष्ठ पत्रकार डॉ. चेतन ठठेरा से बातचीत में यह जानकारी देते हुए बताया कि सभी राजस्थानी प्रवासी एक मंच पर हो और राजस्थान की संस्कृति व परंपरा सात समुंदर पार भी बनी रहे और हम तो हमारी युवा पीढ़ी राजस्थानी संस्कृति और परंपरा को ना भूले इसके लिए राजस्थान के सभी तीज त्यौहार राजस्थानी संस्कृति और परंपरा के अनुसार राजस्थान यों के प्रवासी समूह द्वारा मनाए जाते हैं और इसके लिए एक राजस्थानी मंडल गठित किया गया है ।

Rajasthani culture and tradition come alive in America, celebrated Gangaur, took out ride

ताकि सभी राजस्थानी प्रवासी अपने राजस्थानी संस्कृति परंपरा और त्योहारों को समूह के साथ मिलकर मनाएं इसी श्रंखला में राजस्थानी परंपरा का प्रतीक गणगौर का त्योहार फिलाडेल्फिया में धूमधाम से मनाया गया सभी महिलाओं ने राजस्थानी वेशभूषा धारण कर सोलह सिंगार करते हुए सज धज कर ईसर गणगौर की सवारी निकाली गई यह सवारी ढोल ताशा के साथ नाचते गाते धूमधाम से निकाली गई ।

रवि मुरारका ने बताया कि हम पिछले 15 वर्षों से भारतीय मंदिर में फिलाडेल्फिया में इस त्योहार को मना रहे हैं, इस वर्ष समारोह को परम समूह के साथ मनाया गया, जो फिलाडेल्फिया में नवगठित है । फिलाडेल्फिया राजस्थानी मंडल के लिए खड़ा है, इसमें बहुत सफलतापूर्वक भाग लिया गया था। राजस्थानी संस्कृति की भाषा और जातीय भोजन जैसे दाल बाटी चूरमा को जातीय राजस्थान के साथ व्यक्त करने के लिए है और राजस्थान लोक नृत्यों, भाषा के साथ हमने जातीय लोक नृत्यों के साथ ढोले ताशा सवारी भी निकाली और महिलाओं ने पूजा करने के बाद नृत्य किया था । यह समारोह लीडरशिप के तहत किया गया था।

विदित है डॉ. रवि मुरारका का जो पिछले 15 वर्षों से फिलाडेल्फिया क्षेत्र में सभी राजस्थानी जातीय लोगों को एक साथ लाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे है ।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम