भीलवाड़ा/ जिले के आसींद विधानसभा चुनाव में इस बार लोगों ने अपनी जन समस्याओं और क्षेत्र समस्याओं को लेकर विरोध प्रदर्शन का एक अलग तरीका ढूंढ निकाला है और वोट मांगने के लिए आने वाले प्रत्याशियों चाहे वह बीजेपी हो या कांग्रेस के सभी से एक स्वर में कह रहे हैं कि हमारी समस्याओं का निधन नहीं तो वोट नहीं और इसी तरह के एक घटनाक्रम आज चैनपुरा के सुराज गांव में देखने को मिला जहां सूराज से ज्ञानगढ़ रोड़ पिछले 50 सालों से बदहाली के आंसू बहा रहा है। सड़क नही बनने से आज सुराज गांव के ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है.
ग्रामीणों ने सुराज गांव के मुख्य मार्ग के बाहर बोर्ड लगाकर रोड नही तो वोट नहीं के नारे के साथ विरोध शुरू कर दिया है। गांव वालों ने चेतावनी दी है कि जब तक सुराज से डोल का बाड़िया चौराहे तक लगभग 2 किलोमीटर रोड नहीं बनेगा तब तक कोई भी प्रत्याशी गांव के अंदर नहीं आ सकता है।
जेसे ही चुनाव आते हैं सरपंच विधायक प्रत्याशी सड़क व अन्य कार्यों के लिए घोषणा करते है। किन्तु वोट लेने के बाद नेता जी अपने वादे भूल जाते है। आजतक किसी भी प्रत्याशी या जनप्रतिनिधि ने इस रोड की तरफ ध्यान नहीं दिया। देश आजाद होने के बाद से रोड की समस्या को लेकर जूझ रहे बुलिया का कुआं,धावड़िया ओर डोल का बाड़िया भीलों का बाड़िया गांवों के लोगों ने अब आगामी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की घोषणा कर दी है।
ग्रामीण इसी बहिष्कार को लेकर सुराज से गांवों में जाने वाली रोड़ पर बोर्ड लगाकर लिख दी यह लाइने…
रोड के लिए तरसते यह चार गांव
राजनेता जनप्रतिनिधि का प्रचार के लिए आना मना हे,रोड नहीं तो वोट नहीं प्रत्याशी सावधान,जुटे वादे ना करे और कहा कि रोड नहीं तो वोट नहीं।