Bilwara News।अजमेर विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता एसके उपाध्याय द्वारा भीलवाड़ा शहर में लॉकडाउन अवधि के दौरान औसत आधार पर जारी किए गए प्रोविजनल बिलों के संबंध में आ रही शिकायतों की जांच कराने के पश्चात बताया गया है कि अनलॉक होने के बाद ली गई मीटर रीडिंग के आधार पर जारी वास्तविक बिलों में पुर्व के प्रोविजनल बिलों की राशि समायोजित की गई है।
वास्तव में गर्मी के मौसम में विद्युत उपभोग बढ़ने के चलते उपभोक्ताओं की बिल राशि बढी है। बिल राशि की गणना प्रदेश में समान रूप से जारी टैरिफ व दिशानिर्देशों के अनुसार ही की जाती है।
एसई उपाध्याय ने बताया कि पिछले दिनों निगम कार्यालयों में अनेक उपभोक्ताओं से शिकायत मिली कि उन्हें अधिक राशि के बिल जारी किए गए हैं। सभी शिकायतों के अनुसार बिलों की जांच करवाई गई है जिसमें पाया गया है कि सभी बिल विद्युत निगम के दिशानिर्देशों के अनुरूप एवं नियमानुसार ही जारी किए गए हैं।
लॉकडाउन अवधि के दौरान राज्य सरकार के आदेशानुसार 31 मई तक मीटर रीडिंग न मंगवाकर उपभोक्ताओं को बिल प्रोविजनल आधार पर जारी किए जा रहे थे। ये बिल माह जनवरी,फरवरी,मार्च व अप्रेल’21 के विद्युत खर्च के औसत के आधार पर बनाए गए। चूंकि इस अवधि में सर्दी के मौसम के कारण घरों में विद्युत खपत काफी कम होने के कारण बिल भी कम राशि के होते हैं।
वहीं वास्तविक उपभोग मई व जून के मौसम में किया गया,जो कि गर्मी का मौसम होता है और इसमें कूलर, पंखों और एसी चलने के कारण विद्युत उपभोग कहीं अधिक होता है। तुलनात्मक रूप से उपभोक्ताओं का गर्मी का बिल सर्वाधिक आता है। भीलवाड़ा शहर में एमबीसी योजना के अंतर्गत मीटर रीडिंग बिना मानव हस्तक्षेप के की जाती है,जिसमें त्रुटि की संभावना भी नगण्य है।
इस नबंर पर अपनी शिकायत का कर फकते समाधान
उपभोक्ताओं को प्रोविजनल आधार पर जारी बिलों को समायोजित कर उनके यहां उपभोग की गई बिजली की मीटर रीडिंग अनुसार ही बिल जारी किये गये हैं। इसके बाद भी यदि किसी उपभोक्ता को अपने बिल विद्युत उपभोग से अधिक लगते हैं तो वे उपभोक्ता सेवा केंद्र पर सम्पर्क कर सकते हैं या व्हाट्सएप नम्बर 6367223344 पर शिकायत दर्ज कराकर बिल की जांच करा सकते हैं।