मांडल की बेटी मदीना रंगरेज ने पेश की मिसाल

 भीलवाड़ा/ देश में एक तरफ जहां जातिवादी जहर फैलाने की कोशिशे हो रही है वहीं भीलवाड़ा जिले की मांडल कस्बा निवासी मदीना बानो रंगरेज द्वारा लिखित व संपादित सपनो वाली लड़की-जिन्दगी के सपनो से सफर तक कहानी संग्रह का लोकार्पण सादे समारोह में सांप्रदायिक सद्भाव के वातावरण में एक साथ दो स्थानों पर किया गया।

गढ़बोर चारभुजा मन्दिर एवं काणा पीर दरगाह देसूरी दरगाह शरीफ में इस कहानी संग्रह का लोकार्पण एक साथ करके मांडल कस्बा निवासी मदीना बानो रंगरेज ने यह साबित कर दिखाया कि आत्मा ही परमात्मा है। इंसानियत के मद्देनजर संप्रदायवाद से उपर उठकर इस कहानी संग्रह का लोर्कापण एक साथ प्रभुनाम सुमिरन के साथ चारभुजा व दरगाह शरीफ में किया गया। इससे देश में यह संदेश देना है कि कहानी किसी संप्रदाय विशेष से नहीं बंध सकती है।

सपनो वाली लड़की-जिन्दगी के सपनो से सफर तक कहानी संग्रह की लेखिका मदीना बानो रंगरेज ने बताया कि कबीर, खुसरो, सुरदास, गालिब, मीरां, रैदास, ओशो, सेख, सनन, राबिया, हाजी अली के आदर्शो से प्रेरित होकर तैयार किये गये कहानी संग्रह में विभिन्न विषयों पर कहानियांे को शामिल किया गया है। इसमें सपने में आयी बातों को कहानी के रूप् में तैयार किया गया।

कहानी संग्रह के लोकार्पण के मौके पर गढ़बोर चारभुजा मन्दिर के प्रमुख पुजारी मीठालाल गुर्जर, काणा पीर दरगाह कमेटी के सदर प्रबंधक जनाव नवाब, देसूरी दरगाह शरीफ के घाणेराव, इस्लामी स्कालर डा प्रदीप जैन, रणकपुर जैन मन्दिर के मुख्य पुजारी पं. जयपाल, डा. सुनयना जैन मुंबई व रजिया बानो पठान मौजूद रहे।