लोकमान्य संत रूपचंद म.सा. का जन्मोत्सव मनाया

Dr. CHETAN THATHERA
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आसींद/ ( सुरेन्द्र संचेती)। संत वो ही है जो अपने लिए नही , बल्कि समाज एवं राष्ट्र के लिए जीता है । जो सदैव परमार्थ के लिए कार्य करता है। उक्त विचार तपाचार्य साध्वी जयमाला की सुशिष्या साध्वी डॉ चन्द्रप्रभा ने वरिष्ठ प्रवर्तक लोकमान्य संत रूपचंद म.सा. के 96 वे जन्मोत्सव पर महावीर भवन में व्यक्त किये।

साध्वी ने कहा कि गुरुदेव गरीबो के मसीहा थे, अनाथों के नाथ थे, मूक प्राणियों के लिए भगवान थे, सचमुच देखा जाए तो 36 कोम के भगवान रामदेव के समान थे। साध्वी ने कहा कि वह इंसान के रूप में भगवान के साथ साथ आत्मार्थी,ज्ञानार्थी,परमार्थी संत थे। उन्होंने सदैव दुसरो के भले के लिए काम किया है। वह एक वचनसिद्ध , लब्धि सम्पन्न संत थे उनके कई चमत्कार यहा की जनता ने भी देखे है।

साध्वी चंदनबाला ने कहा कि गुरुदेव का मन बहुत कोमल था, परमार्थी साधु थे, गरीब के आंसू नही देख सकते थे। उन्होंने अपने जीवन मे सेंकडो गौ शाला, बकरा शाला, जैन स्थानक, व्रद्वाआश्रम,चिकित्सालय खुलवाए। उन्होंने सम्पूर्ण समाज व राष्ट्र को अपने ज्ञान दर्शन से भर लिया था। वह भगवान शिव के बड़े उपासक थे , उनके दरबार मे लोग रोते रोते आते थे और हंसते हंसते जाते थे।

वो साधना में बहुत लीन रहते थे। साध्वी आनदप्रभा ने कहा कि गुरुदेव ने सदैव असहाय को तराने का काम किया है उनके बारे में जितने गुणगान किये जावे उतने कम है।

साध्वी विनीतरूप प्रज्ञा ने कहा कि गुरुदेव समाज के कोहीनूर थे, उन्होंने अपना पूरा जीवन साधना करके दीन दुखियों की सेवा करने में लगा दिया वह एक वचनसिद्ध महापुरुष थे वो फकीर को अमीर कर देते थे और अमीर को फ़क़ीर करने की ताकत रखते थे।

जैन धर्म के लोगो के साथ साथ अन्य धर्मों के लोग भी उन्हें भगवान का रूप मानते थे। इस अवसर पर संघ अध्यक्ष चन्द्र सिंह चौधरी, मंत्री देवीलाल पीपाड़ा, वरिष्ठ श्रावक अशोक श्रीमाल ने अपने विचार रखे।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम