Bhilwara news । आपने आज तक शादियों में नई नवेली दुल्हन की मुंह दिखाई की रस्म को देखा होगा और सुना होगा लेकिन लाशों की मुंह दिखाई के बारे में न सुना होगा और न देखा होगा परंतु अब यह रस्म वस्त्र नगरी भीलवाड़ा में निभाई जा रही है जी हां शायद आपको यह बात अजीब सी लग रही होगी किंतु यह सत्य है ।
कोरोनावायरस संक्रमण के कारण संक्रमित पुरुष और महिला की मृत्यु होने पर सरकार की गाइड लाइन के अनुसार मृतक शरीर अर्थात लाश किट में पैक करके सीधे ही समसान और कब्रिस्तान भेजी जाती है या फिर परिजनों को लाश सुपुर्द की जाती है तो निर्देशित किया जाता है कि वह लाश का किट को खोले बिना दाह संस्कार करेंगे लेकिन परिजन मोह पास में बंद कर अस्पताल से ही जिस एंबुलेंस में लाश कार्मिकों के साथ शमशान या कब्रिस्तान भी जाती है उन्हीं कार्मिकों को लाश की मुंह दिखाई की दुआई देते हैं और लाश का मुंह दिखाने के एवज में नजराना की पेशकश करते हुए नजराना तक देते हैं यह नजराना ₹2000 से लेकर ₹5000 तक होता है नजराना लेकर परिजनों को लाश की मुंह दिखाई की जाती है ।
लालच और मोह बढा रहा संक्रमण
लाश की मुंह दिखाई की रस्म तो कर दी जाती है लेकिन इससे निकलने वाले कीटाणु लोगों को संक्रमित कर कर जकड लेते हैं और फिर उन्हें भी परेशानी में डाल देते हैं और इस तरह के संक्रमण की चैन बढ़ जाती है । लोगों की मुंह दिखाई का मोह और कार्मिकों का लालच संक्रमण को फैलाने में कारगर हो रहा है जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए ।
लाश को आग देने की भी कीमत
कोरोनावायरस संक्रमण से मृत्यु होने पर कुछ समझदार या बुद्धिजीवी वर्ग अपने निकटतम उस परिजन का अंतिम संस्कार भी नहीं करते यह सरकार की गाइडलाइन की पालना करते हुए अस्पताल से संक्रमित एक लाख सीधे शमशान पहुंचती है दाह संस्कार की सारी तैयारियां परिजन द्वारा की जाती है लेकिन दाह संस्कार की लकड़ियों पर लाश को कार्मिक रखते हैं और वही लाश को चिता भी देते हैं इसके एवज में कार्मिक 2000 से ₹5000 तक लेते हैं ।