Bhilwara News । देशभर मे कोरोना वायरस ने ताडंव मचा रखा है । भीलवाड़ा मे कोरोना ताडंव को शुरूआत मे ब्रेक लगाने और कंट्रोल करने की योजना ने पूरे देश और दुनिया मे मॉडल के रूप मे मे हर जगह प्रसिद्धि मिली। इस माॅडल मे प्रशासन, पुलिस, शहर की आमजनता के साथ-साथ चिकित्सा विभाग का संयुक्त टीम के रूप मे कार्य व सहयोग अंर योगदान था । चिकित्सा विभाग में डॉ खान के नेतृत्व में उनकी टीम ने कोरोना को नियन्त्रण करने में दिन रात लगी हुई है उनमें से ही सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है रैपिड रेस्पॉन्स टीम और इस टीम के कोरोना वारियर है ।
जब कोरोना का पहला केस भीलवाड़ा में आया था हर देशवासी और शहरवासी के मन मे दहशत भरा माहौल था तब से ही भीलवाड़ा में कुछ चुनिंदा बेखौफ कोरोना वारियर इस लड़ाई में सबसे आगे खड़े थे और आज भी सबसे पहले किसी भी कोरोना पोजिटिव मरीज की सूचना मिलते है सबसे पहले ये वारियर ही संपर्क में आते है।
कंट्रोल रूम में या सीएमएचओ ,डिप्टी सीएमएचओ से या किसी भी संपर्क से किसी भी बाहर से या विदेश से आये व्यक्ति की सूचना मिलते ही ये वारियर उनके घर पहुंच कर जानकारी जुटाते है स्क्रीनिंग करते है और सैंपलिंग के लिए लेकर आते है। जांच के बाद पोजिटिव आये मरीज सूचना मिलते ही उसके सम्पर्क में आये व्यक्तियो की जानकारी जुटाते है उन्हे सैम्पलिंग के लिए लेकर आते है और क्वारंटाइन करवाने का कार्य करते है ।
साथ ही भीलवाड़ा से अन्य प्रदेश में जाने वालों की स्क्रीनिंग का जिम्मा भी इनका है।
1 डॉ घनश्याम चावला डिप्टी सीएमएचओ भीलवाड़ा रैपिड रेस्पॉन्स टीम के प्रभारी :-भीलवाड़ा में सबसे पहले पोजिटिव मरीज की सूचना इन्हें मिलती है सूचना मिलते ही तुरंत अपनी टीम के साथ मरीज के घर जाकर मरीज को लाना और उसकी कांटेक्ट हिस्ट्री पता करके मरीज से संपर्क में आये सभी संदिग्ध को लाते है।
2 डॉ अमित यादव पीएचसी गाडरमाला पर कार्यरत है, कोरोना के शुरवात से ही आरआरटी टीम में तैनात है डॉ चावला से आदेश मिलते ही तुरंत अपनी टीम के साथ पोजिटिव मरीज को लेने निकल पड़ते है फिर चाहे सुबह के 7 बजे हो या रात के 12 कोरोना मरीज को लाना हो या प्रवासी मजदूरों को ट्रेन में बैठने से पहले स्क्रीनिंग करना हो हमेशा सक्रिय रहते है । घर पर साथ ने बीवी और डेढ साल की छोटी बच्ची रहती है ,बस डर इत्तना सा रहता है कि कई वो गलती से संक्रमित ना हो जाये । पिछले 77 दिनों से एक भी छुट्टी नही ली है ।
3 डॉ सैयद परवेज़ वर्तमान में लखोला पीएचसी पर कार्यरत है ये लगातार 77 दिनों से दिन रात कोरोना मरीजो को लाने के किये सक्रीय रहते है।रमजान के महीने में भी एक तरफ अपने फ़र्ज़ को आगे रखते हुए ड्यूटी की तो दूसरी तरफ पूरे महीने के रोज़े रखकर खुदा की इबादत करके लोगो के स्वस्थ्य की दुआ मांगते रहे।यहां तक कि ईद के त्योंहार पर भी छुट्टी नही ली और ईद की नमाज़ अदा करते है ड्यूटी पर पहुंच गए। अपनी शादी भी स्थगित करने से हिचकिचाए नही।।

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वर्तमान में कोसिथल सीएचसी पर कार्यरत है।कोरोना की शुरूआत के साथ ही इनकी काबिलियत को देखते हुए आरआरटी टीम में इनको भीलवाड़ा बुला लिया गया था तब से लगातार अपनी सेवाएं बिना किसी छुट्टी लिए कर रहे है। लाॅकडाउन में डॉ शर्मा की शादी थी लेकिन अपने कर्तव्य को पहले तर्ज देते हुए शादी को स्थगित कर दिया और कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जुट गए।

5 डॉ कमलेश सुखवाल वर्तमान में अकोला पीएचसी पर कार्यरत है इनकी कार्यकुशलता को देखते हुए डॉ चावला ने इन्हें भी अपनी टीम में लिया और तब से लगातार रैपिड रेस्पॉन्स टीम में अपनी कुशलता स पॉजिटिव मरीजो के लाना हो या उनकी जांच करवाकर क्वारंटाइन में भेजने से लेकर उनको मोटीवेट करना हो सबसे सक्रिय रहते है लगातार 77 दिनो से बिना किसी अवकाश के कार्यरत है।

6 डॉ अंकिता हाल में इन्होंने चिकित्सा अधिकारी के पोस्ट पर जॉइन किया है और जॉइन करते ही इन्हें कंट्रोल रूम भीलवाड़ा में लगाया गया था तब से ही लगातार बिना अवकाश के कार्यरत है। इनके पिताजी सीआरपीएफ में अपनी सेवाएं दे रहे है उन्ही से हौसला अफजाई मिलती है