वायरल हुई कवि बादल कि कविता खुलगी रे मस्ती की खान, ओलम्पिक तगडो वरदान, खेल-खेल मारा राजस्थान

Azad Mohammed nab
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जहाजपुर (आज़ाद नेब) वर्तमान समय में चल रहे ग्रामीण ओलंपिक प्रतियोगिता के परिदृश्य को जाने माने कवि राजकुमार बादल अपनी कविता के माध्यम से इस तरह उकेरा की लोगों को काफी पसंद आई। सोशल मीडिया की हर साइड पर इनकी कविता को लोगों ने काफी पसंद किया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई कविता को सुनने और पढ़ने में भी आनंद एवं गर्व महसूस हुआ है।

 

गांव गांव जाग्या मैदान, ओलम्पिक तगडो वरदान, बाळक बूढ़ा हुया जवान, खुलगी रे मस्ती की खान, कबड्यां देरी काकी भाभी, खेल-खेल मारा राजस्थान, वा भाई टेनिस को कि्रकेट, बेलण छूट्यो पकड्यो बेट, कूण करसो कूण धन्नू सेठ, सबका हंस हंस दुख्या पेट, जात- पांत का झूंठा झगड़ा, मरूधरा में मंगल गान, छोड़ी आज पटेलण पोऴ, बन्टी खेल्यो बोलीबोल, मन्नी खो तो गाटो बोल, खो खो ने मत समझो रोऴ, धन्य धन्य सरकार धन्य है, मुक्त कंठ गांवां गुणगान

 

इस कविता में कवि बादल ने ओलंपिक को वरदान बताते हुए गांव गांव के मैदान को जिंदा होने, गांव के बूढ़े बालक और जवान एक साथ मस्ती करने का एक जरिया, ग्रामीण परिवेश की महिलाएं खाना पकाने के बैलन को छोड़कर टेनिस क्रिकेट के बल्ले पकड़ने, कौन किसान कौन सेठ सब एक साथ मिलकर खेलने से लोगों में खुशहाली का माहौल है,

राजस्थान में ओलंपिक खेल ने जात पात को भुला दिया है, इस ओलंपिक में पटेलों द्वारा जो एक जगह बैठकर बातचीत होती थी वह भूल कर खेलने में मस्त हैं ओर आगे की पंक्ति में लिखा है कि खो-खो को मजाक नही समझे खो-खो जोर से बोले, और अंतिम पंक्ति में बुलंद आवाज में सरकार के गुणगान करते हुए ओलंपिक खेल को ग्रामीणों के लिए वरदान बताया है।

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आज़ाद मोहम्मद नेब में दैनिक रिपोर्टर्स के आलावा एडिटर स्मार्ट हलचल, रिपोर्टर HNN news, tv100 ,लाइव टुडे, साधना प्लस, सरेराह, हुक्मनामा समाचार, जयपुर टाइम्स साथ काम करता हू .पत्रकारिता से आमजन की बात प्रशासन तक पंहुचाना मेरा मकसद है . whatsapp 8890400865, 8058220365