
जहाजपुर (आज़ाद नेब) विवादों की वजह से हरदम सुर्खियों में रही नगर पालिका में इस मर्तबा भी आमंत्रण पत्र विवाद की नगर में चर्चा काफ़ी रही, जिसकी झलक स्वतंत्रता समारोह में चेयरमैन के रूठने ओर अधिकारियों एवं विधायक द्वारा मनाने के एपिसोड में देखने को मिली जो आज भी नगर में काफ़ी चर्चा का विषय रहा।
हुआ यूं कि की पालिका में स्वतंत्रता समारोह के लिए छपाऐं गए आमंत्रण पत्र में चेयरमैन का नाम ना आने से चेयरमैन ने मिडिया कर्मियों से हुई बातचीत में गहरा रोष प्रकट किया।
बातचीत के दौरान चेयरमैन ने कहा कि संवैधानिक तरीके से चूने गए पालिका अध्यक्ष का पालिका द्वारा आयोजित समारोह के आमंत्रण पत्र में नाम ना आना ओच्छी राजनीति का जीता जागता उदाहरण है जहाजपुर पालिका के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। हां अगर कि चुनावी अधिसूचना लगी हो या पालिका भंग हो चुकी हो तो इस अवस्था में अधिकारी द्वारा ही ध्वजारोहण किया जाता है।
आमंत्रण पत्र में नाम ना आने पर भी चेयरमैन नरेश मीणा समारोह में अपने पार्षदों के साथ शिरकत करते हुए आम नागरिकों के बीच बैठ गए। समारोह शुरू होने के कुछ समय बाद एसडीएम ने चेयरमैन को स्टेज़ पर आने का इशारा किया लेकिन चेयरमैन ने बुलावे को नजरंदाज कर दिया। चेयरमैन के स्टेज़ पर नहीं आने से एसडीएम ने विधायक को बुलाने का इशारा किया।
एसडीएम का इशारा पाते ही विधायक गोपीचंद मीणा तुरंत खड़े हुए ओर स्टेज़ से ही चेयरमैन नरेश मीणा को ऊपर बुलाने का इशारा करते रहे परन्तु फिर भी नहीं आएं चेयरमैन। मजबूरन तहसीलदार इंद्रजीत सिंह स्टेज़ से नीचे उतरकर गए ओर चेयरमैन को मना कर स्टेज़ पर लेकर आए। मान न मान मैं तेरा मेहमान की तरह जैसे ही चेयरमैन स्टेज़ की तरह गए भाजपा पार्षद समारोह से उठ कर चले गए।