जहाजपुर(आज़ाद नेब) पालिका या प्रशासन की अनदेखी के चलते नगर में बने परकोटे की हालत दयनीय हो चुकी है इनमें से एक दरवाजा जामा मस्जिद के सटकर बना है वह कभी भी गिर सकता है। बरसात होने से इस दरवाजे पर पानी जमा हो कर दीवारों में पानी का रिसाव हो रहा है इस दरवाजे के सट कर बने जामा मस्जिद के दरवाजे पर सीलन आने उखड़ चुका है।
“मिडिया ने एक माह पूर्व भी इस बाबत चेताया था कि बारिश का मौसम शुरू होने में है जामा मस्जिद दरवाजे के हालात ये है कि बरसात के दिनों में दरवाजे पर पानी भरने के वजह से कभी भी बड़ा हादसा तक भी ही सकता है। इसके नीचे से गुजरने वालों पर पत्थर गिर सकते है और बरसात का पानी मस्जिद की दीवारों में जाता है जिस से मस्जिद की दीवारों में भी खतरा बना हुआ है। आसपास के रहने वाले लोगों को कहना है इस दरवाजे के नीचे से निकलने में भी डर लगने लगा है इसी दरवाजे से होते हुए किले के मंदिर की राम रेवाडिया निकलती है।”
गौरतलब है कि पूर्व पालिकाध्यक्ष शरीफ चीता ने इस बाबत 2012 में भी मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा गया था उसके बाद तत्कालीन उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार और नगर पालिका के अधिकारी भी कई बार मौके पर जाकर देख चुके है पर हर बार नतीजा सिफर रहा। स्थानीय लोगों ने बार बार शिकायत करने के और नगर पालिका को बोर्ड बैठक में भी कई मर्तबा इस के जीर्णोद्धार के प्रस्ताव लिए जा चुके है। थाने में होने वाली सीएलजी को बैठकों में भी कई बार नगर के इस दरवाजे को लेकर स्थानीय लोगो द्वारा आवाज़ उठाई गई है इसके बावजूद ना इसकी मरम्मत हुई और ना ही किसी अधिकारी ने इस और ध्यान दिया है।
वर्तमान उपखंड अधिकारी दामोदर सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पालिका ईओ को इस दरवाजे की मरम्मत कराने के निर्देश दिए थे। पालिका ईओ सुरेंद्र मीणा ने भी मौखिक रूप से एक ठेकेदार को यह मरम्मत कार्य करने का जिम्मा सौंपा था लेकिन अभी तक मरम्मत कार्य अधर झूल में अटका हुआ है। शायद हादसे का इंतजार कर रहा स्थानीय प्रशासन जब तक कोई हादसा नही हो जाता तब तक नहीं चेतेगा।