भीलवाड़ा/ शहर मुख्यालय सहित जिले भर मे एक के बाद एक शिक्षा विभाग मे घटित लगातार घटनाओं के कारण पूरे प्रदेश व शिक्षा निदेशालय मे भीलवाडा के शिक्षा विभाग का नाम चर्चाओं मे है और साथ ही कुछ प्रकरणो के कारण भीलवाडा शिक्षा विभाग की प्रदेश और शिक्षा निदेशालय मे छवि खराब भी हुई है । अब इसी कडी मे आरटीआई से मांगी गई सूचना के संदर्भ मे मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ( CDEO) द्वारा जारी आदेश की जिले के सरकारी स्कूलो मे सरस्वती की प्रतिमाएं कहां-कहां लगी और किसके आदेश से लगी है मांगी सूचना चर्चा का विषय बनी हुई है ।
भीलवाड़ा के मोती लाल सिघांनिया नामक शख्स ने आरटीआई (RTI) सूचना के अधिकार अधिनियम — 2005 के तहत सूचना मांगी की जिले के सरकारी स्कूलो मे 14/02/2022 को सरस्वती की मूर्ति की स्थापना आदेश कब पारित हुआ और किसने दिया तथा कहां-कहां सरस्वती की मूर्ति लगी किसके आदेश से लगी ?
सिघांनिया द्वारा आरटीआई से मांगी गई इस सूचना के संदर्भ मे मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी (CDEO) ने 22/03/2022 को जिले के सभी मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी(CBEO) को एक पत्र जारी कर सूचना चाही की आपके परिउक्षेत्राधीन ऐसे विधालय जिनमे 14/02/2022 सरस्वती की मूर्ति की स्थापना की गई तथा किस आदेश के तहत की गई सूचना एवं विधालय मे मंदिर स्थापना आदेश कब से पारित किया गया की लिखित सूचना दे ।।
सिघांनिया द्वारा मांगी गई सूचना और इस संदर्भ मे सीडीईओ द्वारा जारी आदेश जिले भर में चर्चा का विषय बना हुआ है ।लेकिन दूसरी ओर सवाल यह उठता है कि विद्यालय जिसे मां सरस्वती का मंदिर कहा जाता है और इस मां सरस्वती के मंदिर में मां सरस्वती की प्रतिमा नहीं होगी तो किसकी होगी ? आखिर मोतीलाल सिंघानिया ने यह सूचना क्यों मांगी ?और इस सूचना मांगने के पीछे सिंघानिया की क्या मंशा और उद्देश्य है ?
बरहाल मोतीलाल सिंघानिया का जो भी उद्देश्य हो वह तो गर्भ में छिपा है लेकिन इस सूचना पर आदेश से शहर में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है कि कहीं यह सूचना और आदेश क॔ही राजनीतिक रंग ना ले ले और बवाल न खड़ा हो जाए ?