भीलवाड़ा/ राजस्थान में भीलवाड़ा जिले एक प्रिंसिपल ने सरकार और निदेशक के आदेशों से नाराज होकर प्रिंसिपल से ADEO लगाने और फिर ADEO से वापस प्रिंसिपल लगाने पर
हाईकोर्ट की शरण लेते हुए।
सरकार और निदेशक के आदेशों पर स्थगन(स्टे) ले लिया और आज स्टे के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय मेंADEO के पद पर कार्यभार ग्रहण कर लिया अब इस कार्यालय में स्थिति यह हो एक फूल दो मालिक की कहावत पर दो फूल तीन माली जैसी हो गई है और अप्रत्यक्ष रूप से भीलवाड़ा जिले से सरकार में मंत्री के रूप में प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्री से बगावत भी होने की चर्चा विभिग मे है ।
भीलवाड़ा में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय कार्यालय में अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी(ADEO) के दो पद स्वीकृत है । इनमें से एक पथ पर पहले ही विकास जोशी कार्यरत है तो दूसरे पद पर इसी महीने के प्रारंभ में 1 नवंबर 2022 को शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी कर राजस्थान सरकार के कैबिनेट राजस्व मंत्री रामलाल जाट के विधानसभा क्षेत्र रूपाहेली में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसिपल नरेंद्र शर्मा को लगाया और शर्मा ने आनन-फानन में आदेश होते ही 1 नवंबर को ही दोपहर में कार्यभार ग्रहण कर लिया ।
24 घंटे भी वह इस पद पर नहीं रह पाएगी अगले ही दिन 2 नवंबर 2022 को निदेशालय ने एक आदेश जारी कर शर्मा को मांडल ब्लॉक में स्थित केरिया गांव में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रिंसिपल के पद पर तबादला करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय में शर्मा के स्थान पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पद नियुक्त अतिरिक्त मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी नारायण लाल जागेटिया को(ADEO) इस पद पर लगाया। निदेशालय के आदेश पर शर्मा को 2 नवंबर को यहां से रिलीव कर दिया और इधर जागेटिया कार्यभार ग्रहण कर लिया।
ADEO के पद से हटा कर वापस प्रिंसिपल लगाए जाने से खफा होकर प्रिंसिपल नरेंद्र शर्मा ने इस आदेश के खिलाफ जोधपुर में हाईकोर्ट की शरण ली प्रिंसिपल शर्मा के वकील के तर्कों के आधार पर हाईकोर्ट ने 11 नवंबर को आदेश जारी किया कि नरेंद्र शर्मा को 2 नवंबर को जिस पद से कार्यमुक्त किया गया।
उस पर स्टे देते हुए उसी पद पर कार्यभार ग्रहण कराने के आदेश दिए । हाईकोर्ट के आदेश के बाद आज प्रिंसिपल नरेंद्र शर्मा ने दोपहर बाद एक बार फिर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय में अतिरिक्त मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्यभार ग्रहण कर लिया है ।
सूत्रों के अनुसार प्रिंसिपल नरेंद्र शर्मा को कोर्ट ने स्टे उनके तबादलों के दौरान TA/DA ( टीए व डीए)नहीं मिलना कारण माना गया है और इस मामले में इसी महा सुनवाई वापस होनी है
शर्मा के कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही अब स्थितियां असमंजस की हो गई है कि अतिरिक्त मुक्त जिला शिक्षा अधिकारी के 2 पदों और इन पर तीन अधिकारी कार्यरत है तीसरे अधिकारी का वेतन कहां से उठेगा इसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय के कार्मिक असमंजस की स्थिति में है ।
दूसरी ओर इस घटनाक्रम को लेकर शिक्षा विभाग में चर्चाओं का दौर है कि प्रिंसिपल नरेंद्र शर्मा ने अप्रत्यक्ष रूप से मांडल विधानसभा से विधायक और राजस्थान सरकार में कैबिनेट राजस्व मंत्री रामलाल जाट से बगावत की है ?