रक्षाबंधन 11 या 12 को संशय ,यह ख़बर पढ़े,फिर मनाएं रक्षाबंधन

Dr. CHETAN THATHERA
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भीलवाड़ा/ भाई- बहन के पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन को लेकर इस साल आमजन मे कुछ असमंजस की स्थिति है क्योंकी रक्षाबंधन पूर्णिमा को मनाई जाती है और पूर्णिमा 11 अगस्त की लेकिन इस साल पूर्णिमा पर भद्राकाल है ऐसे मे शास्त्र और विद्वान 12 अगस्त को रक्षाबंधन मनाना अधिक उचित और शास्त्रसम्मत मान रहे है । शास्त्रीय नियम के अनुसार रक्षाबंधन 12 अगस्त को ही मनाया जाएगा ।

धर्म सिंधु के अनुसार अपराह्न या प्रदोष व्यापिनी श्रावण शुक्ल रक्षाबंधन बनाई जाए ।ऐसा निर्देश है किंतु शर्त यह हैं कि उस समय भद्रा व्याप्त नही होनी चाहिए। उपरोक्त विवरण के अनुसार यह योग 11 जुलाई को बनता है क्योंकि 11 जुलाई को प्रातः 10:38 से पूर्णिमा आ जाएगी। लेकिन 10:38 बजे से रात्रि 8:51 बजे तक भद्रा रहेगी। जैसा धर्मसिंधु में उल्लेख है कि

भद्रायां द्वे न कर्तव्यम् श्रावणी फाल्गुनी वा। श्रावणी नृपतिं हन्ति,ग्रामों दहति फाल्गुनी।

अर्थात भद्रा काल में दो त्यौहार नहीं मनाने चाहिए ।श्रावणी अर्थात रक्षाबंधन ।फाल्गुनी अर्थात होली।

भद्रा काल में रक्षाबंधन मनेगा तो राजा के लिए कष्टकारी है ।और होली दहन के समय भद्रा रहेगी तो प्रजा ,ग्राम आदि के लिए हानिकारक है।(इदम् भद्रायां न कार्यम्।)

शुभ और कल्याण की इच्छा रखने वाली बहन, बेटियों माताओं को अपने भाइयों की कलाई में भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए।

भद्राकाल में राखी क्यों बांधी जाती 

रक्षाबंधन पर भद्राकाल मे राखी नहीं बांधनी चाहिए क्योंकि इसके पीछे ऐक पौराणिक कथा है ।।लंकापति रावण की बहन सूरपणखां ने भद्राकाल मे ही अपने भाई रावण को राखी बांधी थी और एक साल के अंदर यावण का विनाश हो गया था । भद्रा शनिदेव की बहन थी और भद्रा को ब्रह्मा जी से यह श्राप मिला था की जो भी भद्रा मे शुभ या मांगलिक कार्य करेगा उसका परिणाम अशुभ ही होगा । 

12 अगस्त को प्रातः 7:05 बजे तक पूर्णिमा है उसके पश्चात प्रतिपदा आएगी। उस दिन सूर्य 5:52 उदय होंगे। पूर्णिमा मात्र एक घंटा तेरह मिनट रहेगी। 12 अगस्त 2022 दिन शुक्रवार में सूर्य उदय के बाद 3 घटी से भी अधिक है ।साकल्पादिता तिथि धर्म कृत्योपयोगी रक्षाबंधन के लिए श्रेष्ठ मानी जाएगीहै।

12 अगस्त 2022 दिन शुक्रवार को धनिष्ठा नक्षत्र रात्रि 12:00 बजे के बाद तक रहेगा । जिससे इस दिन धाता और सौभाग्य योग बन रहा है ।जो बहन भाइयों के प्रेम को बढ़ाने वाला और उत्साहवर्धक होता है।

12 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त-

प्रातः काल 6:12 से 8:30 तक सिंह लग्न रहेगा जो स्थिर लग्न होता है।

(10:30 से 12:00 तक राहुकाल है उसका त्याग करना चाहिए।)

दोपहर 1:06 से 3:24 तक वृश्चिक लग्न भी श्रेष्ठ है यह भी स्थिर लग्न होता है।

इसके पश्चात 15:24 बजे से रात्रि 19:10 बजे तक कभी भी राखी बांध सकते हैं ।

राखी बांधने का मंत्र:

 येन बद्धो बलि राजा दानवेंद्रो महाबल:।

 तेनत्वां प्रति बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।

यह भी मत है 

वर्ष 2022 में श्रावण पूर्णिमा,11 अगस्त 2022 गुरुवार को मनाई जानी है। एवं विभिन्न लोगो का कहना है कि उस दिन ज्योतिष के अनुसार भद्रा है,जो कि अशुभ है। परंतु 11 अगस्त 2022 की पूर्णिमा को संपूर्ण दिन चंद्रमा मकर राशि में रहेगा, एवं चंद्रमा के मकर राशि में होने से भद्रा का वास इस दिन पाताल लोक में रहेगा।

पाताल लोक में भद्रा के रहने से यह शुभ फलदायी रहेगी।। इसलिए पूरे दिन सभी लोग अपनी सुविधा के अनुसार अच्छे चौघड़िए के अनुसार राखी बांधकर त्यौहार मना सकते हैं।। 

शास्त्रोमतानुसार जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ या मीन राशि में होता है तब भद्रा का वास पृथ्वी पर होता है. चंद्रमा जब मेष, वृष, मिथुन या वृश्चिक में रहता है तब भद्रा का वास स्वर्गलोक में रहता है. कन्या, तुला, धनु या मकर राशि में चंद्रमा के स्थित होने पर भद्रा पाताल लोक में होती है.

भद्रा जिस लोक में रहती है वही प्रभावी रहती है ।इस प्रकार जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ या मीन राशि में होगा तभी वह पृथ्वी पर असर करेगी अन्यथा नही । जब भद्रा स्वर्ग या पाताल लोक में होगी तब वह शुभ फलदायी कहलाएगी। 

11 अगस्त को 11:38 प्रातःकाल में पूर्णिमा तिथि लगने के उपरांत ही रक्षाबंधन मनाया जाएगा। श्री जयमार्तंड पंचांग आदि के अनुसार भद्रा का पाताल लोक (नागलोक) में वास शुभ फलदायी होता है। अब आमजनमानस दोनो ही मतो को जानने के बाद रक्षाबंधन कब मनाए यह निर्णय लेवें ।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम