Bhilwara।चैत्र शुक्ल प्रतिपदा मंगलवार 13 अप्रैल को बसन्त नवरात्र का प्रारंभ हो रहा है। घट् स्थापना (देवी का आह्वान) के लिए देवी पुराण व तिथि तत्व में प्रातः काल का समय ही श्रेष्ठ बताया गया है।
सालासर बालाजी धाम (सीकर) के गुरू ज्योतिष नरोत्तम पुजारी के अनुसार इस दिन प्रातःकाल में द्विस्वभाव लग्न में घट् स्थापना करनी चाहिये। इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा मंगलवार को सूर्योदय 06:09 बजे होगा और द्विस्वभाव मीन लग्न 06:12 बजे तक रहेगा।
अतः सूर्योदय के साथ ही घट् स्थापना कर नवरात्र प्रारंभ करने का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त्त रहेगा। इसके अलावा द्विस्वभाव मिथुन लग्न में दिन के 09:46 से 12:00 बजे तक एवं अभिजित समय दोपहर 12:07 से 12:55 तक भी घट् स्थापना की जा सकती है।
चौघड़ियों के हिसाब से घट् स्थापना करने वाले दिन के 09:20 से दोपहर बाद 14:05 बजे तक भी चर, लाभ व अमृत के चौघड़ियों में घट् स्थापना कर सकते हैं।
घट् स्थापना का सर्वश्रेष्ठ समय 06:09 से 06:12 तक
द्विस्वभाव मिथुन लग्न दिन के 09:46 से 12:00 बजे तक
अभिजित मुहूर्त्त दोपहर 12:05 से 12:55 तक
चौघड़ियों के हिसाब से घट् स्थापना
चर :- 09:20 से 10:55 तक
लाभ :- 10:55 से 12:39 तक
अमृत :- 12:39 से 14:05 तक
शक्ति की आराधना का महापर्व
13 अप्रैल मंगलवार :- पहला नवरात्र, घटस्थापना, चैत्र नवरात्रि प्रारंभ, चैत्रशुक्ल प्रतिपदा, भारतीय नवसम्वत्सर, (गुढीपाडवा)
14 अप्रैल बुधवार :- द्वितीय नवरात्र, वैसाखी, सिंजारा (गणौर पूजन),
15 अप्रैल गुरुवार :- गौरी तृतीया नवरात्र, गणगौर पूजन
16 अप्रैल शुक्रवार :- चतुर्थी नवरात्र, विनायक चतुर्थी
17 अप्रैल – शनिवार :- श्री पंचमी नवरात्र, लक्ष्मी पंचमी
18 अप्रैल रविवार :- स्कन्द षष्ठी नवरात्र, (चैती छठ) चैत्र सर्यषष्ठी अर्घ्य,
19 अप्रैल सोमवार :- सप्तमी नवरात्र (चैत्र सर्यषष्ठी प्रातः अर्घ्य , पारण) ,
20 अप्रैल मंगलवार:- दुर्गाष्टमी, भौमाष्टमी,
21 अप्रैल बुधवार :- राम नवमी, नवरात्र समाप्त, *चैत्र नवरात्र रामनवमी
22 अप्रैल गुरुवार :- चैत्र नवरात्रि पारण व नवरात्रौत्थापन, धर्मराज दशमी