भीलवाड़ा/यूजीसी नेट परीक्षा में भीलवाड़ा की बेटी अक्षिता दाधीच ने नृत्यध्ड्रामाध्थिएटर कला विषय में जेआरएफ क्वालीफाई किया है। अक्षिता ने कथक नृत्य कला में अपनी स्नातकोत्तर शिक्षा पूरी करने के पश्चात पहले ही प्रयास में जेआरएफ क्वालीफाई करने में सफलता प्राप्त की है।
इस विषय में सामान्य श्रेणी की सूची में देश भर से केवल 5 परीक्षार्थी जेआरएफ क्वालीफाई करने में सफल रहे हैं। उनमें भीलवाड़ा की अक्षिता दाधीच का नाम शामिल है।
अक्षिता दाधीच जयपुर घराने के कथक गुरू पं. हरीश गंगानी से कथक नृत्य की शिक्षा प्राप्त कर चुकी है। उसने अपनी स्नातकोत्तर शिक्षा खेरागढ़ (छत्तीसगढ़) के इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से पूरी की है।
आज वह प्रतिष्ठित कथक कार्यक्रमों में प्रस्तुति देने के साथ स्वयं कक्षाएँ लेती है और बच्चों को कथक सिखा रही है। उसे भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की ओर से कथक कला के लिए छात्रवृत्ति भी मिल चुकी है।
भीलवाड़ा के ओजस्वी कवि योगेन्द्र शर्मा की सुपुत्री अक्षिता अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पिता व अपनी माता संगीता रतावा और अपने गुरुजन को देते हुए बताती है कि पहले ही प्रयास में यह सफलता प्राप्त करना बहुत कठिन चुनौती थी।
जिसे ईश्वर में अटूट आस्था, दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्ध अनुशासन से ही हासिल करना संभव था। उसने बताया कि रोजाना 12 से 14 घंटे अध्ययन करने के बाद भी यूँ लगता था कि अभी बहुत पढ़ना बाकी है।
वह भविष्य में देश को कथक के निष्णात कलाकार और साधक देने का सपना पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।