
Bhilwara News।भाजपा का गढ़ माने जाने वाले भीलवाड़ा शहर में नगर परिषद चुनाव मे भाजपा के सांसद भाजपा , शहर के विधायक और पार्टी जिला अध्यक्ष अपने ही वार्डों में भाजपा को जीत नहीं दिला पाए और इसे यूं कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी कि इन तीनो ही नेताओं ने अपने वार्डों में पार्टी का जनाधार खोया है और अपनी प्रतिष्ठा भी खोई वहीं दूसरी ओर भाजपा ने इस बार आपसी गुटबाजी के चलते शहर में अपना जनाधार भी खोया है ।
नगर परिषद के चुनाव में टिकट वितरण को लेकर आपसी गुटबाजी के बाद टिकट वितरण में की गई गड़बड़ी का खामियाजा उठाना पड़ा और नतीजा यह रहा कि भाजपा के सांसद सुभाष बहेडिया अपने ही वार्ड में भाजपा प्रत्याशी को नहीं जीता पाए तो इसी तरह भीलवाड़ा शहर विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी भी अपने ही वार्ड में अपने पसंदीदा भाजपा प्रत्याशी छैल बिहारी जोशी को नहीं जीता पाए तो भाजपा के जिलाध्यक्ष लादू लाल तेली भी अपने वार्ड में पार्टी प्रत्याशी बाबू ला टांक को जिताने में नाकाम रहे हालांकि कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रामपाल शर्मा भी अपने वार्ड में कांग्रेस प्रत्याशी को जिताने में नाकाम रहे और यहां निर्दलीय ओम पाराशर जीते ।
दूसरी ओर टिकट वितरण में खींचातान का नतीजा यह भी रहा कि भीलवाड़ा शहर जो भाजपा का गढ़ माना जाता है इस बार भाजपा के इस गढ़ ढहता नजर आया जब 70 वार्ड में से भाजपा के प्रत्याशी केवल 31 वार्डों में ही अपनी जीत दर्ज कर पाए जबकि पिछले नगर परिषद के चुनाव में 55 वार्ड में से भाजपा के 37 प्रत्याशी जीते थे और भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला था और कांग्रेस के मात्र 8 प्रत्याशी जीत पाए थे जबकि इस बार 70 वार्ड में से भाजपा के मात्र 31 प्रत्याशी ही जीत पाए हैं और कांग्रेसमें इस बार शहर में अपने खोए हुए जनाधार में बढ़ोतरी करते हुए 8 पार्षदों की संख्या मैं बढ़ोतरी करते हुए 22तक पहुंच गए हैं शहर में कांग्रेस के 22 पार्षदों का जीतना यह संकेत देता है कि शहर में इस चुनाव में कांग्रेस का जनाधार बढ़ा है और आने वाले विधानसभा चुनाव तक क्या भाजपा अपने खोए हुए जनाधार को वापस अपने पक्ष में कर पाएगी या नहीं और क्या कांग्रेसी इस बढ़ते जनाधार को
और बढ़ा पाएगी या नहीं यह भविष्य के गर्भ में है लेकिन फिलहाल कांग्रेस ने शहर में अपने जनाधार को बढ़ाया है इसमें कोई अतिशयोक्ति नहींर बढ़ा पाएगी या नहीं यह भविष्य के गर्भ में है लेकिन फिलहाल कांग्रेस ने शहर में अपने जनाधार को बढ़ाया है इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं