Bhilwara news । भीलवाड़ा जिले में चिकित्सा विभाग की व्यवस्थाएं इतनी चरमराई हुई है कि विशेषकर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्रों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा का यह हाल है कि यहां प्रसूता ओं को समय पर संभालने वाला कोई उपलब्ध नहीं होता और नहीं उनकी पूरी 9 महीने तक चिकित्सक देखभाल सही तरीके से हो पाती है इसी का नतीजा है कि जिले में प्रसूता ओं की मौतें लगातार हो रही है आज ही जिले के बागोर में चिकित्सा विभाग और कार्मिकों की लापरवाही के कारण एक प्रसूता की तथा उसके नवजात बच्चे की मौत हो गई बागोर चिकित्सालय में एक माह के अंदर यह चौथी प्रसूता की मौत हुई है । इस घटना को लेकर भागो चक्की के ग्रामीणों में चिकित्सा विभाग और चिकित्सा कार्मिकों के प्रति आक्रोश व्याप्त है ।
बागोर निवासी विजय सिंह भाटी की पत्नि रेखा कंवर की डिलिवरी की तारीख से 3 दिन आगे बीत जाने पर उनके समीप रहने वाली दाई ने उन्हे भीलवाड़ा जाने से रोकते हुए उपस्वास्थ्य कैन्द्र बागोर में डिलवरी के लिए कहा और रुपये लेकर वह स्वास्थ्य केन्द्र ले गई और वहां चिकित्सकों ने मेरी पत्नी का प्रसव करवाया लेकिन बच्चा जन्म के बाद चंद मिनटो मे ही दम तोड दिया । विजय सिह के अनुसार मेरी पत्नि का काफी देर बाद चिकित्सकों ने जब खून नहीं रूका तो उन्होने हमें भीलवाड़ा ले जाने के लिए कहा हम जब उसे भीलवाड़ा लेकर आये तो चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया । भाटी ने चिकित्सकों और नर्सों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।
बताया जाता है की बागोर कस्बे के इस स्वास्थ्य केन्द्र में बीते 1 माह में 4 प्रस्तुओं की मौत हो गई इन मौतों को लेकर पूर्व में भी ग्रामीणों ने चिकित्सा महकमें मे शिकायत की मगर उच्चाधिकारियों ने लीपापोती के अलावा कुछ नहीं किया तो आज की घटना को रेकर ग्रामीणो ने आज कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा और चिकित्सक व कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की ।