भीलवाड़ा सहित राजस्थान में कोरोना एक बार फिर कहीं होली के रंग को बेरंग न कर दे

Dr. CHETAN THATHERA
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भीलवाड़ा। पिछले एक साल से कोरोना की वजह से हर त्योहारो का रंग बेरंग रहा है लेकिन इस साल रंगों के त्योहार होली से ये उम्मीद की जा रही थी कि इस त्योहार से एक बार फिर बाजार रंगीन हो जाएगा। लेकिन कोरोना रिटर्न ने एक बार फिर व्यापारियों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। महाराष्ट्र में कोरोना की वजह से एक बार फिर लॉकडाउन हो गया है और नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है, ऐसे में भीलवाडा सहित प्रदेश के व्यापारियों को ये चिंता सता रही है कि अगर यहां भी कोरोना का प्रसार होता है तो सरकार द्वारा एक बार फिर से सख्त कदम उठाते हुए रंग—गुलाल पर रोक लगा सकती है।

 

ऐसे में व्यापारियों को समझ नहीं आ रहा है कि वे होली पर बाजार को कैसे रंगीन करें। छोटा हो या बड़ा हर व्यापारी को यही चिंता है कि होली पर अगर रंग बेचने पर रोक लग जाती है तो उनका माल खराब हो जाएगा, वहीं अगर वे त्योहार की तैयारी नहीं करते हैं और सरकार द्वारा होली खेलने पर रोक नहीं लगाई जाती है तो वे वैसे घाटे में चले जाएंगे।

 

इस बारे में बात करते हुए दुकानदार अक्षत जैन, आशीष , नमन जैन ने बताया कि पिछले एक साल से धंधा मंदा पड़ा हुआ है। अब होली पर उम्मीद थी कि कारोबार अच्छा होगा लेकिन कोरोना के केस बढ़ने से उम्मीदों पर पानी सा फिरता नजर आ रहा है। समझ ही नहीं आ रहा है कि रंग खरीदें या नहीं क्योंकि अगर सरकार पटाखों की तरह होली खेलने पर रोक लगा देती है तो सारा माल धरा का धरा रह जाएगा जिससे काफी नुकसान होगा।

वहीं आम जनता भी होली खेलने को लेकर असमंजस में है, लोगों का कहना है कि कहीं दूसरे त्योहारों की तरह होली भी बेरंग न हो जाए। कोरोना ने पहले ही पूरा एक साल बर्बाद कर दिया है। अगर सरकार होली खेलने पर रोक लगा देती है तो होली का पूरा मजा ही खराब हो जाएगा क्योंकि रंगों के बिना तो होली की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

इधर रंगीले राजस्थान की होली का अनोखा अंदाज और इसकी परंपराएं सदियों से चली आ रही हैं। रंगों के त्योहार के नजदीक आते ही शहरी क्षेत्रो में होली की रंगत परवान चढ़ने लगी है। चंग की थाप रात के बजाय अब दिन भी सुनाई दे रही है। चंग व झींझा बजाते हुए कर्णप्रिय फागण गीत शुरू हो गए है । राजधानी में कुछ लोग मारवाड़ी वेशभूषा पहनकर बाजार में जब कुछ टोलिया चंग की थाप के साथ गाने लगी हैं, तब देखने व सुनने वाले लोग भी रोमांचित हुए बिना नहीं रहते।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम