Bhilwara News। भीलवाडा जिले के मांडलगढ़ थाना अंतर्गत मानपुरा पंचायत के कारणों का खेड़ा में बीती रात को ही जरूरी शराब दुकान टीका के मामले में पुलिस अधीक्षक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मांडलगढ़ थाना प्रभारी दीवान तथा बीट कांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है वहीं जिला कलेक्टर के एक्शन पर आबकारी विभाग ने आसपास के 3 शराब की दुकानों को सीज करते हुए अवैध शराब बनाने वाले ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की
पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने मौके पर पहुंचने के बाद इस मामले में गंभीरता बरतते हुए मांडलगढ़ के एसएचओ मनोजकुमार, बीट प्रभारी जगदीशचंद्र व बीट कांस्टेबल शिवराज को सस्पेंड कर दिया है। आबकारी विभाग के अधिकारियो के नेतृत्व मे टीमों ने क्षेत्र की तीन शराब की दुकानें सील कर दी और हथकढ़ शराब के ठिकानों पर छापे मारे। इनमें महुआ, मानपुरा व धामनिया की दूकानों को सीज कर वहां से शराब के सेंपल लेकर अजमेर लेब भेजे है।
ठिकानों पर छापे
आबकारी निरीक्षक विकास शर्मा की अगुवाई में दल ने हथकड़ शराब बनाने वालों के यहां भी दबिश दी है।
विदित है की काछोला थाना क्षेत्र की सरहद स्थित सारण का खेड़ा में गुरुवार रात एक हथकढ़ शराब की तस्करी में लिप्त व्यक्ति के ठिकाने पर कुछ लोगों ने हथकढ़ शराब खरीद कर की। शराब सेवन के कुछ देर के बाद एक एक करके लोगों की हालत बिगडऩे लगी। कईयों की घर पर तबीयन बिगड़ी। परिजन अचेत अवस्था में प्रभावितों को लेकर मांडलगढ़ पहुंचे। यहां दो जनों सत्तूड़ी पत्नी पप्पू कंजर व हजारी पुत्र कालू बैरवा ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। यहां से शेष सात प्रभावितों को मांडलगढ़ चिकित्सालय से भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय में देर रात भर्ती कराया गया।
यहां सारण का खेड़ा निवासी दलेल सिंह व सरदार भाट ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। जहरीले शराब की घटना से चार जनों की मौत से पुलिस, प्रशासन व आबकारी महकमे में खलबली मच गई। जिला चिकित्सालय में लादूसिंह राजपूत, भोमसिंह राजपूत, नीतू कंवर पत्नी लादूसिंह, मंजू पत्नी गुल्ला कंजर व गुल्ला कंजर का उपचार चल रहा है।
ज़िले में तीसरी घटना
विदित है कि जिले में जहरीले शराब से मौत की यह दो दशक में दूसरी बड़ी घटना है। इससे पूर्व वर्ष 5 मई 2004 में गुलाबपुरा के कवंलियास में सात जनों की मौत हुई थी। यह अवैध शराब चुनाव के दौरान मतदाताओं को रिझाने के लिए लोकसभा चुनाव के दौरान बांटी गई थी। इसी प्रकार वर्ष 2008 में मांडल थाना क्षेत्र के अमरगढ़ व आसपास के गांवों में चार जनों की मौत हुई थी।