Jaipur news । राज्य में सियासी घमासान के बीच अब एक बार फिर सचिन पायलट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ गाजी में सियासी घमासान के बीच अब एक बार फिर सचिन पायलट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ गुरुकुल मैदान में आ गया है हालांकि इनका विवाद हिंदी हुए अभी एक महा भी नहीं बिता है और दोनों के बीच दूरियां लगातार नजर आने लगी हे।
राजस्थान में विगत 7 सितंबर को पायलट के जन्म दिवस के मौके पर हुए 45000 यूनिट रक्तदान और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने के बाद सचिन पायलट कोर्ट में एक बार फिर उत्साह का माहौल है अब तक माना जा रहा था कि पायलट कैंप के मानेसर प्रवास के बाद उनका पार्टी और लोगों के बीच कद घट गया है लेकिन रक्तदान के नतीजे इसके एकदम उलट आए हैं लोगों का कहना है की बगावत के पूरे एपिसोड के बाद सचिन पायलट का कद बड़ी तेजी से बढ़ा है साथ ही उनकी लोकप्रियता में भी इजाफा दर्ज किया गया है।
हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसे घाघ राजनीतिक खुशी दे टक्कर दे पाना कांग्रेस में किसी भी नेता के बस की बात नहीं है पर पायलट ने लगातार चुनौतियां दे रहे हैं
अब पायलट ने शनिवार को बड़ा दांव चलाते हुए गुर्जर कार्ड फेंका है उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अति पिछड़ा वर्ग को योजनाओं का लाभ नहीं दिए जाने का आरोप लगाया है इस पत्र के वायरल होने के बाद गुर्जर समाज से पायलट को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है ।
मुख्यमंत्री अशोक चांदना को पायलट के सामने खड़ा कर गुर्जर समाज में माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं हर पायलट के इस कदम से चांदना भी चारों खाने चित हो गए हैं अब पायलट कैंप मंत्रिमंडल विस्तार पर नजरें टिकाए हुए हैं हालांकि अजय माकन के अभी दिए गए बयानों से यह स्पष्ट है कि पायलट कैंप के विधायकों को ज्यादा तवज्जो दिया जाना मुश्किल है ।
ऐसे में पायलट अपना कैंप मजबूत करने की कोशिशों में जुट गए हैं इधर मुख्यमंत्री ने अपनी राजनीतिक कुशलता से भले ही सरकार बचाने में सफलता हासिल कर ली हो लेकिन असली चुनौतियां अब आनी बाकी है अब अब सीएम के समक्ष विपक्ष में भाजपा ही नहीं बल्कि पायलट गुड से भी निपटना होगा।