भीलवाड़ा/ रमजान के पवित्र माह में जहां छोटे-बड़े बुजुर्ग और महिलाएं रोजा रखकर खुदा की इबादत कर रहे हैं। ऐसे में मासूम बच्चे भी जब उन्हें देखते हैं तो उनसे प्रेरित हो ही जाते हैं। जिलें में बड़ी संख्या में बच्चे भी इस बरकत के महीने में इबादत कर रहे हैं। खासकर ऐसे बच्चे अधिक उत्साहित हैं जो अपने जीवन में पहली बार रोजा रख रहे हैं।
भीलवाड़ा के उपनगर पुर में पत्रकार रफीक पठान के 6 साल के पुत्र फरीद खान ने तपती धूप की परवाह किए बिना अल्लाह और उसके रसूल की रजा हासिल करने के लिए भूख और प्यास की शिद्दत बर्दाश्त कर पहला रोजा रखा। 6 साल के फरीद ने इस भीषण गर्मी में रोज़ा रखकर ये साबित कर दिया कि अगर हम सच्चे दिल से खुदा की इबादत करना चाहे तो उम्र कोई मायने नही रखती।
पिता रफीक पठान ने बताया कि फरीद अपने दादा स्व. अहमद खां जी पठान की दीनी बातों से प्रभावित हैं। फरीद ने आज पहला रोजा करीब साढ़े 14 घंटों का रखकर खुदा की इबादत की। देर शाम उसने परिवार के सदस्यों के साथ रोजा इफ्तारी की।