भीलवाड़ा/ राजस्थान में कांग्रेस की सरकार जाते ही जाट नेता व कांग्रेस के दिग्गज नेता तथा पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट ( Ramlal Jat ) पर 5 करोड रुपए की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है और गिरफ्तारी के भय से रामलाल जाट ने हाई कोर्ट की शरण ली है जिस पर बुधवार 20 दिसंबर को सुनवाई होगी।
विदित है की राजसमंद जिले के गढबोर निवासी खनिज व्यवसाई परमेश्वर पुत्र रामलाल जोशी ने रामलाल जाट पर करोड़ों रुपए की ग्रेनाइट माइंस में 50% शेयर अपने छोटे भाई के बेटे और उनकी पत्नी के नाम करवाने और उसके बदले 5 करोड रुपए देने का वादा किया था ।
लेकिन शेयर नाम होने के बाद पूर्व मंत्री जाट ने 5 करोड रुपए देने से इनकार कर दिया था इस पर जोशी ने करेडा थाने में एक रिपोर्ट दी थी लेकिन पुलिस ने तत्कालीन मंत्री के दबाव के चलते मामला दर्ज नहीं किया था ।
इस पर जोशी ने कोर्ट की शरण ली और उसके बाद 17 सितंबर को कोर्ट के आदेश पर करेडा थाने में पूर्व मंत्री रामलाल जाट ज्ञानगढ़ निवासी पूरणमल पुत्र मनु गुर्जर अंटाली प्रताप पुरा निवासी सुरत जाट अंटाली निवासी महिपाल सिंह प्रतापपुरा प्रतापपुर निवासी महावीर प्रसाद पुत्र रामस्वरूप चौधरी के खिलाफ 5 करोड रुपए देने का आश्वासन देकर खान के 50% शेयर मोना व सुरेश जाट के नाम करवा लेने के बाद पूर्व मंत्री जाट द्वारा 5 करोड रुपए देने से साफ इनकार कर देना तथा बाद में 2 करोड रुपए देने का आश्वासन देना और 2 करोड रुपए देने से भी इंकार कर देने तथा माइंस पर जाकर काम करें श्रमिकों को डरा धमका कर भगा देने का मामला दर्ज हुआ था ।
अब राजस्थान से उनकी सरकार सत्ता से बाहर हो जाने और मंत्री पद जाने के बाद पूर्व मंत्री रामलाल जाट पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने से और गिरफ्तारी के डर से पूर्व मंत्री जाट में उनके खिलाफ एफआईआर 211 के खिलाफ 14 दिसंबर को हाई कोर्ट में पिटीशन दायर की है ।
जिसमें उन्होंने सेक्शन 482 सीआरपीसी (204) के तहत उन पर दर्ज फिर को खारिज करने व गिरफ्तारी पर रोक लगाने की अपील की है इस मामले में 20 दिसंबर बुधवार को सुनवाई होगी।