भीलवाड़ा / हृदय संबंधी रोग के मामले इन दिनों बढ़ते जा रहे हैं। कई हृदय रोग ऐसे होते हैं, जो या तो जन्म के समय मौजूद होते हैं या उम्र के साथ या संक्रमण से हो जाते हैं जिनको ठीक करने के लिए ऑपरेशन की आवश्यकता होती है और उसके बाद बहुत सी सावधानियां बरतनी पड़ती है।
हृदय से संबंधित कई प्रकार की समस्याएं आती हैं जैसे सीने में दर्द, भारीपन, घुटन अथवा दबाव सांस फूलना, अत्याधिक पसीना आना एवं थकान, उच्च ब्लड प्रेशर एवं कोलेस्ट्रॉल, एन्जियोग्राफी एवं एन्जियोप्लास्टी, असामान्य धड़कन, पैरो में सूजन व वजन बढ़ना, लगातार खाँसी खासकर रात को, जन्मजात हृदय रोग लक्षण पहचानते ही इनका इलाज कराना बहुत आवश्यक है।
इन्हीं मुद्दों को लेकर नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर की तरफ से हृदय संबंधी रोगों हेतु ओपीडी का आयोजन भीलवाड़ा में केपी डायग्नोस्टिक्स में 20 जनवरी को सुबह 11 से 2 बजे तक आयोजित किया गया।
इसमें नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के डॉयरेक्टर एंड कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. देवेंद्र कुमार श्रीमल उचित जांच व परामर्श हेतु उपस्थित रहे। इस ओपीडी का मुख्य उद्देश्य वहां के रोगियों के लिए जांच एवं परामर्श के साथ-साथ छोटे शहरों में फैलने वाली इन बीमारियों पर लगाम लगाना है।
डॉ. देवेंद्र कुमार श्रीमल ने बताया कि भारत में हार्ट प्रॉब्लम की वजह से लगभग प्रति 100,000 लोगों में से 272 लोगों को मौत हो जाती है। यह बीमारी लोगों में अपने दिल पर नियंत्रण ना कर पाने के कारण अनुचित खानपान से भी होती है। इस बीमारी की वजह से मरीज के हृदय और अन्य अंगों में ऑक्सीजन युक्त रक्त के प्रवाह में बाधा (अवरोध) उत्पन्न हो जाती है।
इसकी एक बड़ी वजह हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी पहले से मौजूद बीमारियों के कारण ब्लॉकेज उत्पन्न कर देते हैं। इन परिस्थितियों में समय रहते इलाज और बीमारी का पता लगाना और नियंत्रित जीवनशैली जीवन को बचा सकती है।
इसलिए यदि आप हृदय को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो अपने दिल पर भी आप को कंट्रोल करना पड़ेगा आपको यह देखना पड़ेगा कि क्या खाना आपकी सेहत के लिए लाभदायक है और क्या खाना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक। इसलिए स्वस्थ खाएं और अपने हृदय को भी स्वस्थ रखें।