
Bhilwara news । राजस्थान सरकार की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक एतिहासिक फैसला लेते हुए भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फूले व महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फूले द्वारा किये गये महान कार्य को ध्यान में रखते हुए उनके प्रति सम्मान प्रकट किया है। जिसके तहत मुख्यमंत्री ने महात्मा फूले व माता सावित्री बाई फूले के नाम से राज्य में अनेक योजनाओं को शुरू करने का एलान किया है। इस एलान से माली समाज के साथ-साथ फूले के समस्त अनुयायियों में हर्ष की लहर व्याप्त है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!राजस्थान प्रदेश माली महासभा के जिलाध्यक्ष गोपाललाल माली ने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेशानुसार अब हर साल 3 जनवरी को भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फूले का जन्मदिवस पूरे राज्य में महिला शिक्षिका दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया जायेगा।
गौरतलब है कि 1851 में सावित्री बाई फूले ने 150 छात्रों के साथ महाराष्ट्र में 3 विद्यालय शुरू किये थे और सबसे पहले महिलाओं में शिक्षा की जागृति भी सावित्री बाई फूले की ही देन है। मुख्यमंत्री के आदेश के तहत अब राजस्थान के प्रत्येक जिले में एक राजकीय विद्यालय का नाम महात्मा ज्योतिबा फूले और राजकीय बालिका विद्यालय का नाम माता सावित्री बाई फूले के नाम पर किया जायेगा और राज्य की सभी स्कूलों व महाविद्यालयों में महात्मा ज्योतिबा फूले व माता सावित्री बाई फूले की प्रतिमा और तस्वीर सम्मान के साथ लगाई जायेगी।
सरकारी स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र में किसानों व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं का नाम भी अब महात्मा ज्योतिबा फूले व माता सावित्री बाई फूले के नाम पर रखा जायेगा।
माली ने यह भी बताया कि माली महासभा के साथ-साथ कई सामाजिक संगठनों ने कई वर्षों से राज्य सरकार से महात्मा फूले दम्पति को सम्मान प्रदान करने की मांग करते आ रहे थे जो अब जाकर पूरी हुई। भारत की प्रथम महिला शिक्षिका माता सावित्री बाई फूले को 170 साल बाद जाकर राजकीय सम्मान मिला है। इस सम्मान से समस्त पिछड़ा वर्ग के साथ-साथ फूले के अनुयायियों में जबदस्त खुशी का महौल है।
माली महासभा द्वारा कल जिला कलेक्टर के माध्यम से राजस्थान के मुख्यमंत्री के नाम आभार व धन्यवाद ज्ञापन पत्र दिया जायेगा।