Bhilwara News / चेतन ठठेरा । जिले के माण्डल उपखंड मुख्यालय पर 400 साल से अधिक समय से मूगल शासक अकबर काल के जमाने से चली आ रही नाहर नृत्य की परंपरा कोरोना वाइरस के कारण नही टूटेगी । इस बार भी 22 मार्च को प्रतिकात्मक रूप से होगा नाहर नृत्य का आयोजन होगा ।
माण्डल मे इस बार 407 वां नाहर नृत्य 22 मार्च को रंग तेरस पर मनाया जाएगा । यह त्यौहार(रंग तेरस,नाहर नृत्य) माण्डल वासियों के लिए दीपावली के बराबर माना जाता है और यह पंरपरा 406 साल से चली आ रही है । इस बार कोरोना वाइरस को लेकर प्रशासन द्वारा एतिहातन इस आरोजन को स्थगित करने की अपील आरोजको तथा ग्रामीणो से की लेकिन सहमति नही बनी बस संभावनाए बनी है की प्रतिकात्मक रूप से नाहर नृत्य होगा ।
बैठक मे यह रहा
नाहर नृत्य को स्थागित को लेकर आज तहसीलदार नीता वसीटा की अगुवाई मे तहसील मे बैठक हुई जिसमे विकास अधिकार बीरबल जाट, सीआई राजेन्द्र गोदारा, ग्राम पंच्यत सचिव टीकम चंद नायक, नाहर नृत्य आरोजक राजस्थान लोक कला केन्द्र के प्रमुख रमेश बुलिया, भैरू जाट, धनश्याम बामणिया, राधेश्याम बोस , सुरेन्द्र सागर आदि प्रमुख गणमान्य थे । बैठक मे प्रशासन के नाहर नृत्य को स्थगित करने तदा रंग तेरस समूह मे नही खेलने के प्रस्ताव पर विचार हुआ जिसमे कई लोगो ने यह तर्क देते हुए कहा आज भी सामूहिक नमाज अदा हो रही है
इसे सामूहिक की जगह घर पर अदा करने के लिए क्यो नही कदम ऊठाए जा रहे है या सुझाव दिया जा रहा है तो फिर हम हमारी परंपरा नही क्यो बंद करे कुछ ने कहा प्रतिकात्मक नाहर नृत्य कर ले यानि की नाहर बडे मंदिर मे ही नृत्य कर ले तथा बाद मेघर-घर जाकर परंपरानुसार नृत्य कर ले इससे परंपरा भी बनी रहेगी लेकिन एकराय नही बधहन पाई वही रंग तेरस के लिए यह निर्णय हुआ की समूह की जगह छोटी-छोटी टोलियों के रूप मे होली खेली जाएगी ।
यह क्या कहते
आज की बैठक मे एकराय नही हो पाई कुछ प्रतिकात्मक रूप से नाहर नृत्य के लिए सहमत थे तो कुछ परंपरानुसार ही नाहर नृत्य के लिए । प्रशासन का सुझाव था स्थगित करने का इस ऑर प्रशासन को बताया की 27 व 28 को दो दिवसीय उर्स है और उरस मे भी भीड एकत्र होगी फिर जब वह हो सकता थो हमारी परंपरा क्यो । एक बार फिर विचार करेंगे ।
रमेश बुलिया
अध्यक्ष राजस्थान लोक कला केन्द्र