Bhilwara / बागंड अस्पताल के मालिक व चिकित्सक के खिलाफ मामला दर्ज क्यों नही, क्या राजनीति दबाव

liyaquat Ali
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FILE PHOTO - बृजेश बांगड़ मेमोरियल अस्पताल

Bhilwara News /चेतन ठठेरा ।  राजस्थान और वस्त्र नगरी भीलवाड़ा को कोरोना वायरस (COVID-19) के तीसरे पायदान पर लाने वाले और लाखो जनमानस की जान से खेलने वाले भीलवाड़ा के बहुचर्चित बृजेश बांगड़ मेमोरियल अस्पताल मालिक तथा अस्पताल के चिकित्सक  के खिलाफ सरकार और जिला प्रशासन ने अब तक कोई कानूनी कार्रवाई क्यों नही की और इनके दोनो के खिलाफ मुकदमा दर्ज क्यो नही कराया । क्या राजनैतिक रसूकात और प्रशासनिक रसूकात आडे आ रहे है ?

बृजेश बागंड अस्पताल की वजह से ही भीलवाड़ा में जनता कर्फ्यू लगा हुआ है तथा पूरा राजस्थान कोरोना वायरस के थर्ड स्टेज के दरवाजे पर आकर खड़ा हो गया है। इसीअस्पताल की वजह से अब 11 व्यक्ति पॉजिटिव पाए गए हैं तथा 35 व्यक्तियों को आईसोलेटेट किया गया है। इतना नहीं अस्पताल में करीब 253 चिकित्सा कर्मियों के साथ भीलवाड़ा व प्रदेश के अन्य शहरों के 7 हजार मरीजों की जांच भी की जा रही है तथा 75 हजार घरों में भी जांच पड़ताल करने का निर्णय लिया गया है।

अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल की वजह से कितना खतरा उत्पन्न हो गया है। एक शहर में एक साथ 11 जनों के संक्रमित हो जाने से हालात बेकाबू हैं। इस अस्पताल में भीलवाड़ा के बाहर से भी लोग आकर इलाज करवाते हैं। ऐसे में अन्य शहरों में भी खतरा उत्पन्न हो गया है। चिकित्सा विभाग अब उन सभी मरीजों से सम्पर्क कर रहा है जिन्होंने पिछले दिनों भीलवाड़ा के इस अस्पताल में अपना इलाज करवाया। अब तक करीब सात हजार लोगों की पहचान की गई है।

WHO व अधिकारियों का जमावड़ा लगा

विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम भी पहुंच गई है। राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक केके शर्मा भी दिन भर इस अस्पताल में मौजूद रहे। इसके अलावा 300 चिकित्सक दल भी भीलवाड़ा बुलाया गया है ।

बृजेश बागंड अस्पताल के मालिको की लापरवाही

अस्पताल के मालिकों की लापरवाही ही माना जाएगा कि कोरोना वायरस से संक्रमित दो डॉक्टर अस्पताल में लगातार काम करते रहे। गंभीर बात तो यह है कि डॉक्टरों को संक्रमण होने की जानकारी मिलने के बाद भी मालिकों ने अस्पताल को बंद नहीं किया। अब तक जांच पड़ताल में पता चला है कि

चिकित्सक  कोरोना फैलाने के सूत्रधार?

अस्पताल के चिकित्सक को कोरोना वायरस के लक्षण को देखते हुए 12 मार्च को जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करवाया गया। 15 मार्च को  चिकित्सक को कोरोना का संक्रमित घोषित कर दिया गया। यानि 12 मार्च तक चिकित्सक अस्पताल में मरीजों का इलाज कर रहे थे।  के संक्रमण का कारण सऊदी अरब से मेहमानों का आना रहा।चिकित्सक के कारण ही ऊनके संपर्क मे आने से डॉक्टर  मित्तल भी कोरोना वायरस के संक्रमित हो गए । और उन्हे आभास भी नही हुआ और वह रोजमर्रा की तरह रोगियों को देखते रहे उनका उपचार करते रहे। जब डाॅ मित्तल को थोडा सा आभास हुआ तो कलीब 6 दिन पहले स्वंय महात्मा गांधी अस्पताल के आईसोलेटेट वार्ड मे जाकर भर्ती हो गए ।

क्या राजनीति रिश्तेदारी आडे आ रही है कार्यवाही मे

बृजेश बांगड़ मेमोरियल अस्पताल का संचालन भीलवाड़ा का कंचन समूह करता है। इस समूह का प्रबंधन लादूराम बांगड़ और उनके भाई गोपाल बांगड़ करते हैं। गोपाल बांगड़ के पुत्र रितेश बांगड़ ने अपनी फेसबुक पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वाला फोटो लगा रखा है। इस फोटो में प्रधानमंत्री के साथ लोकसभा अध्यक्ष व कोटा के भाजपा सांसद ओम बिरला भी नजर आ रहे हैं। असल में रितेश का विवाह बिरला की पुत्री रीटा के साथ हुआ है। कंचन समूह भीलवाड़ा में कपड़ा प्रोसेसिंग का काम बड़े पैमाने पर करता है। कंचन समूह के कारखानों में तैयार कपड़ा ही देश की बड़ी कंपनियों में सप्लाई होता है। माना जाता है कि कंचन समूह कोई दो हजार करोड़ रुपए का कारोबारी है।

कांग्रेस में भी सक्रियता का रौब

कंचन समूह के मालिक लादूराम बांगड़ कांग्रेस के भीलवाड़ा जिले के एक विधायक के साथ कांग्रेस में भी सक्रिय रहे हैं। समूह के अनेक समारोह में कांग्रेस विधायक बढ़चढ़ कर भाग लेते रहे हैं। चूंकि कंचन समूह का राजनेताओं से सीधा जुड़ाव है, इसलिए भीलवाड़ा में इस समूह और उससे जुड़ी संस्थाओं का भी तगड़ा रौब रुतबा है।

न्यास करता कार्यवाही तो नही शहर मे नही आती यह नौबत

बागंड हास्पीटल की जमीन का अलाटमेंट 27/8/2001 नैत्र सेवा सोसायटी को आलाटमेंट लीज निष्पादित हूई थी । दो साल मे निर्माण नही होने पर जमीन अलाटमेःट निरस्त करने की शर्त थी लेकिन सोसारटी द्वारा निर्माण नही करने पर अलाटमेंट निरस्त नही किया गया । यूआईटी के एक्सईएन संजय माथुर ने अपनी रिपोर्ट और यूआईटी कीसनोट सीट संख्या 151 पर लिखा की बागःड हास्पीटल के निर्माण मे फ्रंट व साइड बैक नही छोडा, जी+ वन की निर्माण स्वीकृति थी लेकिन जी+2 बिना स्वीकृति के निर्माण किया गया है, 6×120 पर भी अवैध अतिक्रमण, सोनोग्राफी सेंटर को भी किराए पर दे रखी है । अगर यूआईटी इसे सीज कर उस समय ही सीज करषदेथी तो यह नौबत शारद नही आती

नोट कृपया ख़बर की कॉपी ना नहीं कॉपीराइट एक्ट में कार्यवाही की जाएगी 

नोट- खबर मे जल्दबाजी मे टाइप के दौरान शब्दो मे त्रूटि हो तो क्षमा चाहते है

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