भीलवाड़ा मे जनजीवन दौडने लगा पटरी पर , कंही यह फिर भारी न पड जाए

Bhilwara News। भीलवाड़ा मे कोरोना वायरस को लेकर 52 दिन के कर्फ्यू के बाद एक सप्ताह पूर्व कर्फ्यू मे ढील देने के साथ ही हटाने के बाद जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर आने लगा और कल से ही प्रशासन के रवैय मे नरमी और सभी दूकाने, व्यापारिक प्रतिष्ठानों को खोलने की राहत के बाद एकदम से शहर का जनजीवन दौडने लगा है । शहर के मार्केट मे आम दिनो की तरह सामान्य काम-काज आवाजाही शुरू हो गई है । प्रशासन और पुलिस की रोक टोक बिल्कुल समाप्त कर दी गई है । नाई की दूकान से लेकर रेडीमेड गारमेंट, जूते -चप्पल की दूकाने थडियां, चाय की दूकाने सब खुल गई है।

लोगों ने यह सोचा

हालाकी कर्फ्यू हटाने और छूट देने बाद और प्रवासियों के जिले मे लौटने के साथ ही शहर और जिले मे कोलोना पोजिटिव रोगियो की संख्या ऐकदम से बढी है फिर भी शहर मे पूर्व की तरह आमजनजीवन , दिनचर्या , जीवनशैली शुरू हो गई है आमजन ने सोच लिया है की अब कोरोना के साए के बीच ही जीना है चाहे कुछ भी हो ।

आंरेज जोन मे कर्फ्यू और रेड जोन मे खुला ?

शहर मे बुद्धिजीवी वर्ग मे चर्चा है की भीलवाड़ा शहर जब आरेंज जोन मे था तब तो कर्फ्यू लगा रखा और अब जब भीलवाड़ा पुनः रेड जोन मेआ गया है तो कर्फ्यू , लाॅकडाउन कुछ नही है यह कैसा नियम ? क्या पहले गलत था इसका मतलब? या फिर अब गलत? रेड जोन मे जो दूकाने नही खुलनी चाहिए वह सभी खुली है और अब संक्रमण बढने की अधिक संभावना है । अगर संक्रमण बढा तो शायद संभालना मुश्किल हो सकता है ?