Bhilwara News( मूलचन्द पेसवानी ) – भीलवाड़ा में भारतीय मजदूर संघ की ओर से शुक्रवार को श्रमिकों व मजदूरों की मांगों को लेकर प्रदर्शन कर केन्द्र व राज्य सरकार को अलग-अलग ज्ञापन दिया गया। इस दौरान श्रमिकों की ओर से धरना भी दिया गया।
धरने को श्रमिक नेता प्रभाष चैधरी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षैत्र के उपक्रमों का निजीकरण पर रोक लगाई जावें। निजीकरण के कारण सरकार को लाखों-करोड़ों रूपयें का नुकसान हो रहा है। धरने व प्रदर्शन में प्रधानमंत्री द्वारा मजदूर हित में लिये गये फैसलें की भी प्रशंसा की गई है। जिसमें बोनस बढ़ोतरी, मातृत्व लाभ वृद्धि, कृषि व निर्माण क्षैत्र में न्यूनतम आय बढ़ाना, 45 दिनों मंे ट्रेड यूनियनों का पंजीयन, आंगनबाड़ी व आशा सहयोगिनी का मानदेय बढ़ाना इत्यादि।
जिला मंत्री शैलेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि सरकार के नाम पर जिला कलेक्टर को दिये ज्ञापन में आंगनबाड़ी आशा, मिड-डे-मिल कर्मचारी को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जावें, ग्रामीण डाक सेवक को भी सरकारी कर्मचारी घोषित किया जावें, पुरानी पेंशन को बहाल किया जावें, न्यूनतम पेंशन राशि 5000/- रूपयंे की जावें, वेलफेयर स्कीम के वर्तमान लागू नियमांे का सरलीकरण किया जावें, महंगाई पर रोक लगाई जावें, बेरोजगारी को समाप्त किया जावें, सभी को सामाजिक सुरक्षा मुहैया करायी जावें, प्लाटन्टेशन क्षैत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू किया जावें, संविदा कर्मियांे को ग्रेच्युटी पेंशन स्कीम से जोड़ा जावें, एफ.डी.आई. पर रोक लगाई जावें, आयकर की गणना हेतु कर योग्य राशि 5 लाख से बढ़ाकर 8 लाख की जावें, ई.एस.आई. स्कीम की कवरेज बढ़ायी जावें, ई.पी.एफ.ओ. के अन्तर्गत मिलने वाले लाभ बढ़ाये जावें।
संघ के जिलाध्यक्ष दिनेश कोठारी ने बताया कि इसी प्रकार मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन में रोड़वेज कर्मियों को सातवां वेतनमान अविलम्ब दिया जावें, सेवानिवृत रोड़वेज कर्मियों का भुगतान अविलम्ब किया जावें। जलदाय कर्मियों के तृतीय ए.सी.पी. पर जी.पी 3600 की वसूली आदेश वापस लिये जावें, विद्युत कर्मियों की मेडिक्लेम पाॅलिसी के स्थान पर चिकित्सालय पुनर्भरण पद्धति लागू की जावें, निर्माण श्रमिकांे के श्रमिक कार्ड तुरन्त बनायें जावें, विद्युत व रोड़वेज कर्मियांे के पेंशन विकल्प पुनः खोले जावें, जनता जल योजना में कार्यरत श्रमिकों के मानदेय में बढ़ोतरी की जावें इत्यादि।
ज्ञापन के समय भामस के संरक्षक जुम्मा काठात, गोपाल चतुर्वेदी, रेणु व्यास, लादुलाल वर्मा, दलपत सिंह, शकुन्तला श्रृंगी, सीता सोनी, रामेश्वर डीडवानियां, जगदीश माली, महेश शर्मा, शंकरलाल नायक, इनके साथ सैकड़ों श्रमिक उपस्थित थे।