विश्वेन्द्र सिंह बोले बाबा अनावश्यक जिद्द छोड़कर सरकार से वार्ता के लिए सामने आयें

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भरतपुर /राजेंद्र शर्मा जती । पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने सम्भागीय आयुक्त सभागार में प्रेसवार्ता कर अपने उद्बोधन में कहा कि राज्य सरकार क्षेत्रीय साधु-संतों द्वारा ब्रज के धार्मिक आदिबद्री एवं कनकांचल पर्वतों पर हो रहे खनन को रोकने तथा इस क्षेत्र को वन भूमि घोषित करने की मांग को पूरा करने के प्रति पूर्ण से संवेदनशील है तथा इस समस्या का सम्मानजनक तरीके से समाधान निकालने का प्रयास कर रही है।

IMG 20220720 WA0036उन्होंने बताया कि 18 जुलाई की शाम को पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय में साधु-संतों के प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए आमंत्रित कर वार्ता की गयी थी, इस वार्ता के दौरान साधु-संतों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री महोदय से सीधे वार्ता किये जाने का प्रस्ताव रखा जिस पर तत्काल ही दूरभाष पर मुख्यमंत्री  से इस सम्बंध में समय निर्धारित किया गया था तथा इस बैठक पर साधु-संतो के प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने सकारात्मकता व्यक्त करी थी एवं 19 जुलाई को उनके द्वारा किये जाने वाले प्रस्तावित धरने के कार्यक्रम के साथ आत्मदाह की चेतावनी को स्थगित करने का आश्वासन दिया गया था।

प्रतिनिधि मंडल द्वारा प्रशासन को शांति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने का पूर्ण आश्वासन दिया गया था और प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों द्वारा मीडियाकर्मियों के समक्ष भी यही बात कही गयी थी परन्तु वार्ता में हुए निर्णय के बावजूद 19 जुलाई को लगभग प्रातः 5.30 बजे साधु नारायण दास द्वारा मोबाईल टावर पर चढ़कर अनावश्यक रूप से कानून व्यवस्था भंग करने के साथ ही वार्ता में हुए निर्णय के प्रति वायदा खिलाफी दर्शायी गयी है, ऐसा करना साधु-संत समाज के लिए अशोभनीय कृत्य है। 

सिंह ने कहा कि सरकार प्रभावित क्षेत्र में चल रहे खनन कार्य को विस्थापित कर अन्य क्षेत्र में करने, इस क्षेत्र को वन भूमि घोषित करने तथा क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के सम्बंध में समझौता करने को तैयार है। 

सिंह ने कहा कि बाबा अनावश्यक जिद पर अडे़ हैं तथा गैर कानूनी रूप से प्रशासन पर दबाव डालने की मंशा से अग्रिम स्तर पर लिखित समझौता करने की मांग कर रहे हैं। पर्यटन मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसे दबाव में कार्य नहीं करेगी तथा और जब बाबा टावर से नीचे आयेंगे तब उनके साथ समझौता किया जायेगा। 

 विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि उच्च घनत्व वाली मोबाईल रेडियेशन के खतरे से बाबा को बचाने के लिए सरकार को इंटरनेट सेवा बंद करनी पड़ी जिससे आमजन को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, क्षेत्र में इंटरनेट सेवा 21 जुलाई को दोपहर 12 बजे तक बंद रहेगी। उन्होंने कहा कि साधु-संतों के कई गुट बने हुए हैं तथा सरकार के समक्ष वार्ता करने के लिए कोई एक प्रतिनिधि सामने नहीं आ रहा है, साथ ही  सिंह ने कहा कि इस आन्दोलन में राजनीतिक व्यक्ति भी शामिल हो रहे हैं जबकि साधु-संतों द्वारा प्रशासन को यह आश्वासन दिया गया था कि आन्दोलन में किसी भी तरह का राजनैतिक हस्तक्षेप नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले के प्रति संवेदनशील है और साधु-संतों के विरूद्ध कोई भी कठोर कदम उठाना नहीं चाहती।

 सिंह ने आश्वासन देते हुए कहा कि जब बाबा टावर से नीचे उतरेंगे तब उनसे सकारात्मक रूप से वार्ता करेगी तथा उनकी मांगों को पूरा किया जायेगा, भरतपुर में रीट की महत्वपूर्ण परीक्षा आयोजित होने वाली है जिसमें पूरे राज्य व देश से लगभग 85 हजार परीक्षार्थी परीक्षा देने आयेंगे जिसके सफल आयोजन के लिए जिले की सरकारी मशीनरी प्रतिबद्ध है। उन्होंने साधु-संतों से आग्रह किया कि वे शांतिपूर्वक तरीके से वार्ता करें एवं कोई ऐसा कृत्य न करें जो कानून के दायरे में न आता हो। 

 

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