भरतपुर (राजेन्द्र शर्मा जती)। न्यू पेंशन स्कीम एम्प्लाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान के तत्वाधान में भरतपुर कलेक्ट्रट मुख्यालय पर प्रान्तव्यापी आव्हान पर हल्लाबोल आंदोलन के तहत दूसरे चरण में बुधवार की शाम को भारी संख्या में कर्मचारियों ने एकत्रित होकर केन्द्र सरकार द्वारा जारी एनपीएस अधिसूचना की प्रतिलिपियों की होली जलाई और नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम संयोजक तेज सिंह महावर ने बताया कि संगठन के प्रांतव्यापी आह्वान पर हल्ला बोल आन्दोलन के दूसरे चरण भरतपुर जिला मुख्यालय पर सामूहिक रूप से सैकड़ों की संख्या में एकत्र होकर राजस्थान के कर्मचारियों ने अर्धसैनिक बलों एवं आईएएस अधिकारियों सहित केन्द्र के 22 लाख, 33 हजार, 348 नो पेंशन स्कीम कर्मचारियों अधिकारियों के पक्ष में एकता का प्रदर्शन करते हुए दिसंबर 2003 को तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा जारी एनपीएस अधिसूचना की प्रतिलिपियों की होली जला कर विरोध प्रदर्शन किया ।
इस मौके पर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए भरतपुर जिला समन्वयक मुकेश जघीना, लाल सिंह फौजदार, भूपेंद्र सिंह मीना,मुकेश पिप्पल,भावना चौधरी अनूप चौधरी, गिरीश शर्मा, विवेक राणा, नमन राणा, विजय फौजदार, रश्मि चौधरी, उपासना चौधरी,कल्पना मिच्चू, प्रमिला सिंह, अमिता शर्मा, ब्रजेश सोलंकी , तेज सिंह महावर ने कहा कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता आन्दोलन के पश्चात अंग्रेजो ने इस देश में राजकीय कर्मचारियों के लिए पेंशन व्यवस्था शुरू की परन्तु बड़ी विडंबना है कि आजादी के बाद तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए 22 दिसंबर 2003 को अधिसूचना जारी कर सशस्त्र सेनाओं को छोड़कर, 1 जनवरी 2004 के बाद सेवा में आए अर्धसैनिक बलों सहित सभी केन्द्रीय सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों की पेंशन छीन लेने का काम किया ।
जिसके बाद प्रमुख राजनैतिक पार्टियों एवं कॉरपोरेट घरानों के गठजोड़ के चलते केंद्र सरकार के दबाव में संविधान के भाग 11 की 7वीं अनुसूची के अनुच्छेद 245 से 255 की भावना का उल्लंघन करते हुए पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्य सरकारों ने कर्मचारियों पर शेयर बाज़ार आधारित नवीन अंशदायी पेंशन योजना थोप दी जो पेंशन योजना न होकर म्युचुअल फंड योजना है ।