
भरतपुर / राजेन्द्र शर्मा जती। किसान नेता राकेश टिकैत ने हाल ही में दिल्ली में हुए किसान आंदोलन को एक तरह का युद्ध बताते कहा है कि दिल्ली में जो हुआ वह क्रांति की एक मशाल है यह एक तरह का युद्ध ही था जिसमे किसानों का भारत सरकार से समझौता हुआ और कृषि के लिए जो काले कानून बनाए गए थे उन्हें केंद्र की सरकार को वापस लेना पड़ा।
राजस्थान के भरतपुर में शनिवार को भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल के 256वे बलिदान दिवस पर भरतपुर पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान को चुनाव लड़ने की नही बल्कि आंदोलनो के जरिये देश मे किसानों के हितों की रक्षा करने की जरूरत है क्योंकि किसान किंग नही किंग मेकर होता है।
इस अवसर पर उन्होंने दिल्ली में चले किसान आंदोलन में भरतपुर के युवाओं और किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते कहा कि इस युद्ध को सत्याग्रह की तरह लड़ा गया जिसमे किसानों की जीत हुई है। उन्होंने कहा कि देश में आंदोलन और आंदोलनकारी मजबूत रहना चाहिए क्योंकि देश में ये मजबूत रहेंगे तो कोई परेशानी नहीं होगी।
इस अवसर पर टिकैत ने महाराजा सूरजमल की प्रतिमा पर नमन भी किया और कहा की महाराजा सूरजमल के दौर में युद्ध तलवार और भालों से लड़ा जाता था और आज युद्ध सत्याग्रह से लड़ा जाता है।राकेश टिकैत ने कहा की जब भी कहीं क्रांति की बात आती है तो महाराजा सूरजमल और भरतपुर का नाम आता है।