Bharatpur news / राजेन्द्र जती। राजस्थान में भरतपुर के आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखे एक बच्चे के शव के साथ एक तांत्रिक के कहने पर घरवाले घण्टो तक करते रहे झाड़ फूक लेकिन चार कदम की दूरी पर पुलिस की चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों को नही लगी इसकी भनक तक जबकि मृत बच्चे को जिंदा करने के लिए चली।
इस झाड़फूंक को देखने के लिए लोगो का लग गया था वहां हुजूम तक। ग्राम पंचायत मडरपुर के गांव बराखुर में 8 वर्षीय एक बच्चे की अपनी नानी के साथ खेतों पर चारा लेने के दौरान सर्प दंश के कारण हो गई थी मौत। शनिवार को खेत में बच्चे को सांप काट लेने की जानकारी जब परिजनों को मिली तो उन्होंने पहले सर्प दंश की देशी दवाई बच्चें को पिलाई ।
लेकिन रविवार सुबह जब बच्चा बेहोश होकर गया गिर तो परिजन उसे लेकर पहुंचे जिला आरबीएम अस्पताल जहां चिकित्सकों ने उसे कर दिया मृत घोषित। बच्चे की मौत के बाद शव को रखवाया गया मोर्चरी में मगर परिजनों को फिर भी उम्मीद थी की जादू मंतर से शायद उनका मृत बच्चा हो जायेगा जिन्दा। इस बीच उन्होंने किसी भोपे से किया फ़ोन पर संपर्क।
भोपा ने भी अस्पताल की मोर्चरी तक आये बिना अपने घर बैठे बैठे ही मोबाइल फोन से शुरू किया इलाज। मृत बच्चे के घरवाले भी मोर्चरी के बाहर मृत बच्चे के शव के कान पर फ़ोन लगाकर सुनवाते रहे भोपा द्वारा बोले जा रहे मन्त्रो को काफी देर तक।
मगर जब काफी देर तक भी बच्चे के शव में नही हुई किसी भी तरह की कोई हलचल तो बाद में परिजनो ने उसे माना मृत। बच्चा कुछ दिनों पहले ही गांव बराखुर में अपनी नानी के पास आया था रहने।